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बिहार में काफी समय से चर्चा है कि नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के मंत्रियों को बदला जा सकता है। परफॉर्मेंस के आधार पर कई मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है, तो कई के विभाग में बदलाव हो सकता है। ऐसे अचानक धर्मेंद्र प्रधान का पटना आना और नीतीश कुमार से मिलना, कई कयासों को जन्म देता है।
बता दें कि 16 नवंबर 2020 नीतीश कुमार ने 7वीं बार सीएम पद की शपथ ली थी। नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें बीजेपी कोटे से 7, जेडीयू कोटे से 5 और हम और वीआईपी के कोटे से एक-एक मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया था। इसके ठीक 85वें दिन कैबिनेट का विस्तार किया गया। मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी कोटे से कुल 9 विधायक मंत्री बनाए गए। जबकी जेडीयू कोटे से 8 लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें एक निर्दलीय सुमित सिंह भी मंत्री बनाए गए, वहीं बीएसपी की टिकट पर चुनाव जीते जमा खान को भी जगह मिली थी।
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2021 के मंत्रिमंडल विस्तार में 22 मंत्रियों की गुंजाइश थी। जबकि 17 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। मतलब मंत्रिपरिषद की पांच सीटें खाली रखी गई। अब तो वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस प्रकार कुल छह सीटें खाली हैं।
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