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पूर्णिया. पुरानी कहावत है पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय.. यानी अगर बेटा कुपुत्र है तो उसके लिये धन संचय (जमा) क्यों किया जाये, वो उसे गलत कामों में उड़ा देगा, और अगर बेटा सपूत है तब भी उनके लिए धन क्यो संचय किया जाये क्योंकि वो अपनी काबलियत से कमा सकेगा. बिहार के पूर्णिया (Purnia) में यह कहावत सच साबित हुई है. यहां एक कलयुगी बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने ही घर में डाका डाल दिया. घटना बैसा थाना क्षेत्र के सिरसी गांव की है.
दरअसल प्रेम विवाह करने से कारण परिवार ने नूर आलम को घर से निकाल दिया था. साथ ही उसे संपत्ति से भी बेदखल कर दिया गया था. बेइज्जती महसूस कर रहे नूर आलम ने तब अपने घरवालों को सबक सिखाने की ठानी. उसने अपने ही घर में डकैती डालने की योजना बना ली. बीते रविवार को नूर आलम ने अपने आठ साथियों के साथ अपने घर में डाका डाल दिया. लेकिन लोगों ने खदेड़ कर एक डकैत को धर दबोचा, जब उसका नकाब हटाया गया तो सभी दंग रह गए.
पकड़ा गया नकाबपोश डकैत घर के मालिक सोहराब का छोटा बेटा नूर आलम निकला. लोगों ने बताया कि आठ साल पहले नूर आलम ने अपनी मर्जी से प्रेम विवाह कर लिया था. तब घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया था और अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था. इसके बाद से नूर आलम अपने ससुराल किशनगंज में रहता था. अपने परिजनों की बेरुखी से अपमानित महसूस कर रहे नूर आलम ने अपने ही घर में डकैती डालने की साजिश रची. उसने अपने अन्य साथियों के साथ अपने घर में डाका डाल कर चार लाख रूपए उड़ा लिये. लेकिन शोर मचाने पर ग्रामीणों ने दौड़ा कर नूर आलम को पकड़ लिया. लेकिन अन्य अपराधी भागनें में कामयाब रहे.
सूचना मिलने पर बैसा पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने आरोपी नूर आलम को उसके हवाले कर दिया. पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है.
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पहले प्रकाशित : मई 03, 2022, 22:37 IST
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