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बेरोजगारी या अमीरी- गरीबी बहुत चौड़ी होती खाई?रोजगारी और काम की कमी समस्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लड़कियां महज 8000 रुपए महीने के लिए जिस्मफरोशी का धंधा करने को मजबूर हैं। इसे मजबूरी कहा जाए या कुछ और लेकिन इतना तो तय है कि अगर सिर्फ 8 हजार रुपए दरमाह पर किसी को जिस्मफरोशी का धंध करना पड़े तो सवाल बिहार की अमीर और गरीबी की बहुत चौड़ी खाई की तरफ इशारा करती है। ये तस्वीर तब है जब राजधानी पटना जिले का सकल घरेलू आय आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 1 लाख 31 हजार है।
लोगों को खुश करने के लिए 8 हजार दरमाह पर जिस्मफरोशी ! ये तस्वीर अनियमित भ्रष्टाचार और अनियंत्रित विकास की ओर इशारा करता है। पटना के पॉश इलाके में पार्लर के नाम पर जिस्मफरोशी में पकड़ी गईं लड़कियों ने बताया कि वो इस धंधे में ज्यादा दिन से नहीं हैं। लड़की ने बताया कि उसे पार्लर में काम करने और लोगों को खुश करने के लिए 8000 रुपए महीना दिया जाता था। लड़की ने मीडिया के कैमरे पर कहा ‘हमारा चेहरा मत दिखाइए, बदनामी हो जाएगी, करियर खराब हो जाएगा।’ गांधी मैदान थाना क्षेत्र के गगन अपार्टमेंट में जिस्मफरोशी के धंधे का भंडाफोड़ हुआ है। पार्लर की आड़ में जिस्मफरोशी के इस धंधे में कई लड़कियां पाई गईं हैं। वहां मौजूद कई लड़कियां थींं। इन्होंने बताया कि वो जिस्मफरोशी धंधे में शामिल हैं।
‘हमारा चेहरा मत दिखाइए, बदनामी हो जाएगी, करियर खराब हो जाएगा।’
जब मीडिया के कैमरे पर लड़कियों से सवाल पूछा गया तो लड़कियों ने जो शब्द कहा वो इशारा करते हैं कि उन्होंंने ये काम शौक से नहीं चुना होगा।लड़की ने कहा सर हमारा चेहरा मत दिखाइए, बदनामी हो जाएगी, करियर खराब हो जाएगा।’ लड़कियां बार बार खुद को छिपाने का प्रयास करती रहीं। बदनामी और कैरियर खराब होने की बता कहती रहीं।
जिस्माफरोशी की पुलिस को सूचनाब्यूटी पार्लर के नाम पर सेक्स रैकेट का जो धंधा यहां चल रहा था उसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को थी। मिली जानकारी के मुताबिक जिस्मफरोशी का खेल पुलिस की जानकारी में खेला जा रहा था। लेकिन पुलिस की ओर से इस विषय पर कुछ भी बोलने से इंकार किया जा रहा है। जब गांधी मैदान थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर से इंकार कर दिया। पुलिस की ओर से केवल ये कहा जा रहा है कि अगर इस तरह की कोई भी घटना सामने आती है तो इस पर पूरी तरीके से जांच की जाएगी।
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