Home Bihar 12 साल की नौकरी में ही मालामाल हो गए थानेदार: सरकार से मिलने वाली सैलरी से 81 प्रतिशत से अधिक मिली संपत्ति

12 साल की नौकरी में ही मालामाल हो गए थानेदार: सरकार से मिलने वाली सैलरी से 81 प्रतिशत से अधिक मिली संपत्ति

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12 साल की नौकरी में ही मालामाल हो गए थानेदार: सरकार से मिलने वाली सैलरी से 81 प्रतिशत से अधिक मिली संपत्ति

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पटना18 मिनट पहले

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छापेमारी करती EOU की टीम। - Dainik Bhaskar

छापेमारी करती EOU की टीम।

  • पटना से 10.93 लाख की ज्वेलरी, 2.10 लाख कैश और दो लग्जरी गाड़ी बरामद

वैशाली के थानेदार संजय कुमार के ठिकानों पर चल रही आर्थिक अपराध शाखा (EOU) की छापेमारी पूरी हो गई है। 4 ठिकानों पर चली कार्रवाई में पटना के फ्लैट से काफी कुछ बरामद हुआ है। EOU के ADG नैयर हसनैन खान के अनुसार फ्लैट से 10.93 लाख की ज्वेलरी, 2.10 लाख कैश, KIA कंपनी की एक लग्जरी गाड़ी बरामद हुई है। साथ ही अलग-अलग जगहों पर लाखों रुपए इंवेस्ट किए जाने के सबूत मिले हैं। जिस फ्लैट पर छापेमारी हुई, उसे पुलिस की नौकरी में आने के बाद ही संजय कुमार ने 36.34 लाख रुपए में खरीदा था। इस फ्लैट के खरीदने पर 2 लाख 33 हजार 500 का स्टाम्प शुल्क और इसकी रजिस्ट्री पर 77 हजार 800 रुपया खर्च किया था। यह फ्लैट राजधानी में रूपसपुर थाना के तहत अभिलेख नगर में बने ग्रीन सिटी के ब्लॉक-C का 701 नंबर है।

छापेमारी करती EOU की टीम।

छापेमारी करती EOU की टीम।

जांच के क्रम में पता चला कि इस फ्लैट को संजय ने अपनी पत्नी के नाम से खरीदा था। पड़ताल के क्रम में पता चला कि संजीव और इनकी पत्नी के नाम पर SBI और HDFC बैंक में कुल 3 अकाउंट है। जिसमें लाखों रुपए जमा हैं। साथ ही चेक और ऑनलाइन तरीके से काफी सारे ट्रांजेक्शन किए जाने की बात सामने आई है। EOU की टीम इनके तीनों अकाउंट को एक-एक करके खंगालेगी। पत्नी के नाम से ही इस भ्रष्ट थानेदार ने बैंक के साथ-साथ कई फाइनेंशियल कंपनियों में इंवेस्ट किया है। मिले सबूतों के आधार पर हर एक इंवेस्टमेंट की पड़ताल की जाएगी। इन्होंने 13 लाख रुपए का एक स्कॉर्पियो भी खरीद रखा है।

थानेदार की फाइल फोटो।

थानेदार की फाइल फोटो।

आमदनी का कोई दूसरा जरिया नहीं
संजय कुमार 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। सिवान और सारण जिले के बाद वैशाली इनका तीसरा जिला है, जहां ये ड्यूटी कर रहे हैं। EOU का दावा है कि पुलिस की नौकरी के अलावा इनकी आमदनी का कोई दूसरा जरिया नहीं है। नौकरी से पहले इनके पास सिर्फ औरंगाबाद के रफीगंज में पैतृक घर था। मगर, अब इनकी चल-अचल संपत्ति काफी बढ़ गई है। सैलीरी के रूप में इन्होंने अब तक 84 लाख 1 हजार रुपए की कमाई की। जबकि, 68 लाख 9 हजार 300 की इनके पास चल-अचल संपत्ति अब तक बरामद हुई है। अब तक इनकी संपत्ति 81.05 प्रतिशत अधिक मिली है।

शराबबंदी के बाद से माफयाओं के बने मददगार
पुलिस की नौकरी करते हुए सब इंस्पेक्टर संजय कुमार ने अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया। इनके उपर शराब बंदी कानून को पूरी तरह से लागू कराने की जिम्मेवारी थी। लेकिन, ये शराब माफियाओं के मददगार बने हुए थे। उनकी मदद कर खुद काली कमाई कर रहे थे। जिसके बारे में EOU को भनक लगी और जांच कराया। मामला सही साबित होते ही 26 फरवरी को पटना में FIR दर्ज किया और रविवार की सुबह से इनके 4 ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई। जिन ठिकानों पर छापेमारी हुई उनमें वैशाली थाना, वैशाली में थानेदार का घर, पटना के रुपसपुर थाना के तहत अभिमन्यु नगर स्थित कश्यप ग्रीन सिटी के ब्लॉक-C का फ्लैट नंबर-701 और औरंगाबाद जिले में रफीगंज थाना के तहत हाजीपुर मुहल्ला में स्थित पैतृक घर शामिल है।

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