[ad_1]
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
द्वारा प्रकाशित: सुभाष कुमार
अपडेट किया गया शनिवार, 26 फरवरी 2022 06:08 PM IST
सार
पीएमसीएच के नवनिर्माण कार्य का उद्घाटन मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने 8 फरवरी, 2021 को किया था। इस कार्य के अंतर्गत 5,540 करोड़ रुपये की लागत से 5462 बेड के काम्प्लेक्स का निर्माण होना है।
ख़बर सुनें
विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री भी रहे मौजूद
कोरोना महामारी के मामलों में कमी को देखते हुए बिहार और ओडिशा के पहले मेडिकल कॉलेज की 97वीं वर्षगांठ का आयोजन शुक्रवार को किया गया था। पीएमसीएच के प्रिंसिपल वीपी चौधरी ने बताया कि इस मौके पर 74 छात्रों को विभिन्न विषयों में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है। इस ऐतेहासिक मौके पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद रहे।
1925 में हुई थी स्थापना
पीएमसीएच को आजादी से पहले प्रिंस ऑफ वेल मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता था। प्रिंस ऑफ वेल जो आगे जाकर किंग एडवर्ड – VIII के नाम से प्रसिद्ध हुए साल 1921 में पटना आए थे। उनकी इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए इस कॉलेज की स्थापना साल 1925 में की गई थी। आजादी के बाद इसका नाम पीएमसीएच कर दिया गया था।
महात्मा गांधी ने भी किया था दौरा
इस मौके पर कॉलेज के एल्यूमिनी सत्यजीत कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से कहा कि नए भवनों के निर्माण के दौरान कुछ पुराने विरासत स्थलों को बचाया जाना चाहिए। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को इसके इतिहास के बारे में जानकारी मिलती रहे। कॉलेज के प्रशासनिक भवन जो 1927 में इसके औपचारिक उद्घाटन का गवाह है और बांकीपुर जनरल हॉस्पिटल का संरक्षण होना चाहिए। इससे पहले भी पीएमसीएच के एल्यूमिनी असोसिएशन ने प्रिंसिपल ऑफिस, बांकीपुर जनरल हॉस्पिटल के भवन हथवा वार्ड और पुराने ऑपरेशन थिएटर जहां 1947 में महात्मा गांधी आए थे, को संरक्षित करने की मांग की थी।
जारी है नवनिर्माण कार्य
पीएमसीएच के नवनिर्माण कार्य का उद्घाटन मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने 8 फरवरी, 2021 को किया था। इस कार्य के अंतर्गत 5,540 करोड़ रुपये की लागत से 5462 बेड के काम्प्लेक्स का निर्माण होना है। अनुमान के मुताबिक यह कार्य 7 वर्षों में पूरा होगा।
[ad_2]
Source link