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सीतामढ़ी39 मिनट पहले
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डीडीसी विनय कुमार। (फाइल फोटो)
पक्का मकान वाले भी गरीब होते हैं। यहां तक कि ट्रैक्टर रखने वाले भी। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन पीएम आवास योजना की सूची में शामिल कुछ लोगों के बायोडाटा से यह सच लगता है। धरातल पर धनी होने के बावजूद सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सेटिंग कर गरीब बनने का यह मामला सोनबरसा प्रखंड की पुरनदाहा रजवाड़ा पश्चिमी पंचायत का है। इसका खुलासा कुछ ग्रामीणों ने डीडीसी व बीडीओ को सौंपे शिकायत पत्र में किया है।
लाभ दिलाने को अयोग्य को बनाया योग्य
उक्त पंचायत की कुछ महिला व पुरूषों ने संयुक्त रूप से डीडीसी एवं बीडीओ को आवेदन देकर आवास योजना में चल रहे खेल से अवगत कराया है। कार्रवाई की मांग की गई है। ग्रामीणों की मानें, तो आवास योजना की सूची में वैसे लोग भी शामिल हैं, जिनके पास दो एकड़ से अधिक जमीन है। पूर्व में योजना का लाभ ले चुके लोगों के पुत्र का नाम सूची में शामिल कर आवास से लाभान्वित कराने की कोशिश की जा रही है।
चिलड़ा की पानो देवी व बबिता देवी समेत अन्य ने शिकायत की है कि पूर्व में जिन वास्तविक गरीबों का चयन किया गया था। बाद में साजिश कर उनका नाम सूची से हटा दिया गया और अयोग्य लोगों यानी पक्का मकान, ट्रैक्टर रखने वाले व अच्छी खासी जमीन वाले का नाम जोड़ दिया गया है। आवेदन में अयोग्य लोगों के नामों व कारणों का भी जिक्र किया गया है।
डीडीसी विनय कुमार व बीडीओ ओमप्रकाश ने मामले को गंभीरता से लिया है और शीघ्र जांच करा कार्रवाई की बात कही है।
आवेदन में इनके पक्का मकान का जिक्र
आवेदन में पीएम आवास योजना की सूची में शामिल जिन लोगों के मकान पक्का का होने का दावा किया गया है, उनमें ममता देवी, उर्मिला देवी, राकेश कुमार, जामुन राय, असमीना खातून, इंद्राशन देवी, विपिया देवी, जनिशा खातून, जोहरा खातून, रवीना खातून, रीता देवी, राकेश कुमार, मेनका देवी, बेगम खातून, फुलबीबी खातून, मनीषा देवी व खूजा खातून समेत अन्य के नाम का जिक्र है।
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