[ad_1]
पांव लागीं मलिकार. पांड़े बाबा के दुआर पर आज फजीरे लोग के बड़का जुटान भइल रहल हा. सभे खाली लालुए के बतकही करे में लागल रहल हा. जब से लोग उनका फेर सजाय भइला के खबर जनले-सुनले बा, तबे से लोग के बेचइनी बेधले बा. तीर छाप खातिर परियार साल गांवागाई घूम के वोट मांगत फिरस महुआरी के मुनेसर सिंह. ऊ आज देखनी हां कि बड़का दोना में सवा सेर लड्डू महावीर जी के चढ़ा के बांटे खातिर लेके पांडे बाबा के दुआरे चहुंपल रहले हां. रोज दही बेचे आवे वाला सियाड़ी के सकलो दही बेचल छोड़ के तोर देर दुआर पर बतकही सुने बइठ गउवन. जेतना लोग के जुटान भइल रहुले, ओइमें आधा से तनी अधिका लोग के चेहरा-मोहड़ा देखला से ओह लोगन के खुसी साफ-साफ झलकत रहुए. जेकर मुंह गोबर असइन लटकल रहुए भा चोखा अइसन कुंचाइल-कचराइल बुझात रहुए, ओहू लोगन के कमी ना रहुए. ई देख के साफ बुझा जात रहुए कि एइमें के-के लालू जादो के लालघर गइला से तकलीफ में बा आ के खुस बा. एगो बात हम देखले बानी मलिकार, पांड़े बाबा के दुआर पर सब किसिम के लोग आवेला. एह से कि उहां के केकरो पख में ना बोलीं. जवन बोली-बताई ले, ऊ एकदम छांट-फटकार के साफ-साफ.
पांड़े बाबा त भोरही उठते सगरी खबर कागज चाट जाई ले. रात खानि बिना टीवी पर खबर सुनले उहां के हम कबो सुते जात नइखीं देखले. एह से उहां के खबर त जनबे करी ले, ओकरा बारे में माने-मतलबो निकाली ले. उहां के बतावत रहुवीं कि चारा चोरी के केस 25 बरिस से चलत बा. लालू जादो के उमिर 75 साल हो गइल. उनका 17 किसिम के बेमारी बा. ई कुल करिया कोट वाला ओकील लोग कोट में कहल, जवना से कोट कम दिन के सजाय सुनावे. कोटो एकदम फरकझार बोलल कि चोरी में जेकर जइसन रोल रहल बा, ओही हिसाब से ओकरा के सजा सुनावल जाई. ई कह के कोट लालू जादो के चारा घोटाला के अखिरिया पांचवां केस में 5 साल के जेल आ 60 लाख रुपिया के जुरमाना के सजाय सुना दिहलस. सजाय सुने खातिर लालू जादो के कोट में आवे से छूट मिलल रहे. ऊ असपताले से आपन सजाय सुन लिहले. अबे ऊ बेमार बाड़े. एह से तुरंते जेल त ना जइहें आ तीन साल से बेसी के सजाय भइल बा त जमानतो उनका हाईकोट से लेबे के परी, जवना में महीना-दू महीना टाइम लाग सकेला.
पांड़े बाबा के मुंहे एगो नया बात सुनुवीं. अउरी लोग खातिर नया त नइखे, बाकिर हमरा खातिर ई नया बा. पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि चारा चोरी के केस में भलहीं लालू जादो जेल जइहें, बाकिर एकर सुरुआत उनकर राज आवे से पहिलहीं से हो गइल रहे. ओह बेरा बिहार में कांगरेस पाटी के राज रहे. जगरनाथ मिसिर ओह बेरा मुखंतरी रहले. लालू के दोस एतने रहे कि ई जानला के बादो ओकरा पर रोक ना लगवले आ आगे चोरी जारी राखे के छूट मिल गइल. पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि सन 1992-93 में गोरू महकमा के जवन बजट 75 हजार करोड़ रुपिया के रहे, ओइमें खरच भइल 155 करोड़. एही तरे 1993-94 के बजट पचहत्तरे करोड़ के रहे, बाकिर खरच बइल 240 कोरड़ रुपिया. जब ई डोरंडा वाला सरकारी खजाना के मालूम भइल त ऊ पइसा निकाले पर रोक लगा दिहलस. एकरा बाद पटना से पइसा वाला महकमा के कवनो सेकरेटरी रहले एसएन माथुर, ऊ डोरंडा के खजाना वाला अफसर के चिट्ठी लिखले कि चारा खातिर पइसा निकाले में अड़ंगा काहें लगावत बाड़s. ओह बेरा लालू मुखमंतरी रहले आ पइसा वाला महकमा भी उनहीं के जिम्मे रहे. एही से उनहूं के कसूरवार मानल गइल आ सीबीआई जांच कइलस त ई केस उनका खिलाफ हो गइल. जवना कांगरेसी राज में एह घोटाला के बीया बोआइल रहे, ओह बेरा जगरनाथ मिसिर मुखमंतरी रहले. एही से लालू के संगे उनहूं के सजाय भइल रहे, बाकिर भगवान उनका के सजाय के थोरही दिन बाद उठा लिहले.
पटना हाईकोट में चारा घोटाला के लेके केस करे वाला जे लोग रहे, ओइमें एगो शिवानन तिवारी जी भी रहले. ऊ एने-ओने घूमला के बाद बुढ़ौती में अबे लालू के ललटेन छाप पाटीए में बाड़े. एही से लालू के सजाय के बाद जब खबर वाला लोग नीतीश कुमार से उनकर राय पूछुए त ऊ ई कह के कगरिया गउवन कि एइमें हम का कह सकीले. ई बात त ओह लोग से पूछे के चाहीं, जे अबे लालू जी के पाटी के संगे बा. ऊ नांव त ना रखुवन, बाकिर उनकर इसारा शिवानन तवारी का ओरे रहुवे. पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि बांका केस में अब कवनो ईडी जांच शुरू भइल बा. एकर माने ई भइल कि लालू जादो के अबे बाहर आवे के कवनो उमेद दूर-दूर तक नइखे लउकत.
ई सब सुनवला के बाद पांड़े बाबा एगो अउरी बात कहुवीं, जवना से चोखा अइसन मुंह बनवले लोग के चेहरा चमक गउवे आ चवनिया मुसकी वाला लोग के मुंह पर बारह बजे लगुवे. पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि एतना दिन से लालू बिहार से बाहर जेल भा अस्पताल में बाड़े. एह बीचे एगो असेमली के इलेकसन भी भइल 2020 में. लालू के ठोटका बेटा अकेले अपना दम पर बिहार में सबसे बेसी सीट ले आइल. ओकरा से तनी भर चूक ना भइल रहित त आज बिहार में ऊहे मुखमंतरी हो जाइत. ओकरा से गलती इहे भइल कि ऊ हाथ छाप पाटी के बेसी सीट दे दिहलस, जवना के अब बिहार में नांव लेबे वाला खूब खोजला के बादो संजोगे से भेंटाई. एही जा ऊ मार खा गइलस. तबो ऊ फूल छाप आ तीर छाप से बेसी सीट लेके सबसे बड़ पाटी के नेता त बनिए गइल. अब ओकरो आंख के पट्टर खुल गइल बा. हाथ छाप के भावे नइखे देत. उपचुनाव में भा एमएलसी चुनाव में हाथ छाप के लोग केतनो छपटाइल हा, बाकिर ऊ ओह लोगन औकात बता दिहले बा.
अब त ओकरा बोलहूं एतना नीमन आ गइल बा कि कबो बेतुका बात ना करे. लालू के सजाय पर ऊ अइसन सवाल दाग दिहले बा कि लोग का एक बेर ओई पर जरूर सोचे के परी. ऊ कहले बा कि खाली चारा घटाला एह देस में भइल बा का, कि अउरियो एकरा से बड़-बड़ घोटाला भइल बाड़े सन. हमरा बाप खातिर सजाय आ ओकरा से बड़ घोटाला करे वाला के छूट के का मतलब निकाले के चाहीं. अब त ओकरा संगे लोग एह बात से भी आ जाई कि 75 साल के बूढ़-बेमार बाप के सजाय पर सजाय होता. ओह लालू के सजाय होता, जे ओइसन लोग के बूथ ले पहुंचावे के काम कइल, जवन कबो ना भइल रहे. पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि पोलटिक्स में कवनो चीज असालतन ना होला. जदि 2020 वाला हाल रही त ललटेन ओकरो से आगे निकल सकेला.
घरकच बतकही बाद में होई मलिकार. लइकन के इसकूल खुल गइल बा. जा तानी ओकनी खातिर टिपिन बनावे. भात बना लिहले बानी. तरकारी में पानी डालला के बाद फुरसत मिलल हा त पाती लिखे बइठ गइनी हां. आपने खेयाल राखेब.
राउर, मलिकाइन
(ओमप्रकाश अश्क स्वतंत्र पत्रकार हैं. आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)
आपके शहर से (पटना)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
टैग: भोजपुरी, भोजपुरी लेख, Lalu Prasad Yadav
[ad_2]
Source link