Home Muzaffarpur Bihar News : पेट से निकला शीशे का गिलास, माथा पीट रहे मुजफ्फरपुर के डॉक्टर, जानिए पूर मामला

Bihar News : पेट से निकला शीशे का गिलास, माथा पीट रहे मुजफ्फरपुर के डॉक्टर, जानिए पूर मामला

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Bihar News : पेट से निकला शीशे का गिलास, माथा पीट रहे मुजफ्फरपुर के डॉक्टर, जानिए पूर मामला

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संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर : एक आदमी के पेट से शीशे का गिलास (पेट में गिलास) निकला। बेहद हैरान करने वाला ये मामला बिहार के मुजफ्फरपुर (मुजफ्फरपुर समाचार) का है। डॉक्टर (Dr Mahmudul Hasan) भी हैरान-परेशान रहे कि आखिर पेट में गिलास (रोगी के पेट में कांच) गया तो गया कैसे। उन्हें भी कुछ समझ में नहीं आया मगर ऑपरेशन के बाद पेट से शीशे का गिलास निकला। ये हकीकत है। गिलास की साइज भी ठीकठाक है। चाय की दुकान पर इस तरह की शीशे की गिलास दिखती है।

पेट से निकला कांच का गिलास
मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों की एक टीम ने ऑपरेशन के दौरान 55 वर्षीय एक व्यक्ति के पेट से कांच का गिलास निकाला है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक मरीज कब्ज और तेज पेटदर्द की शिकायत लेकर मुजफ्फरपुर शहर के माडीपुर इलाका स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचा था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके पेट से कांच का गिलास निकाला है।

पेट में गिलास देख डॉक्टर भी हैरान
वैशाली जिले के महुआ क्षेत्र निवासी मरीज का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. महमुदुल हसन ने बताया कि ‘मरीज के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी आंतों में कुछ गंभीर गड़बड़ी थी।’ मीडिया के साथ ऑपरेशन और उससे पहले लिए गए एक्सरे का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए हसन ने कहा कि ‘कांच का गिलास मरीज के शरीर के भीतर कैसे पहुंचा, ये अब तक एक रहस्य बना हुआ है।’ उन्होंने कहा कि ‘जब हमने पूछा तो मरीज ने कहा कि उसने चाय पीते समय गिलास निगल लिया है। हालांकि, ये कोई ठोस व्याख्या नहीं है। इंसान की भोजन नली ऐसी किसी वस्तु के प्रवेश करने के लिए बहुत संकरी है।’

ऑपरेशन से निकाला गया गिलास

डॉ हसन के मुताबिक, शुरू में एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये कांच के गिलास को मलाशय से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली। लिहाजा हमें ऑपरेशन करना पड़ा और मरीज की आंत की दीवार चीरकर गिलास निकालना पड़ा। उन्होंने कहा कि मरीज अब स्थिर है। ठीक होने में समय लगने की संभावना है, क्योंकि सर्जरी के बाद मलाशय को ठीक कर दिया गया है और एक फिस्टुलर ओपनिंग बनाई गई है, जिसके माध्यम से वो मलत्याग कर सकता है। कुछ महीनों में मरीज के पेट के ठीक होने की उम्मीद है, जिसके बाद हम फिस्टुला को बंद कर देंगे और उसकी आंतें सामान्य रूप से काम करने लगेंगी। हालांकि, ऑपरेशन के बाद मरीज को होश आ गया था, लेकिन न तो वो और न ही उसके परिवार के सदस्य मीडिया से बात करने को तैयार थे।

इनपुट- भाषा

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