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मुजफ्फरपुर के सदर थाना के दिघरा गांव में 11 साल पहले दहेज में एक लाख रुपया नहीं मिलने पर जिंदा जलाई गई महिला की हत्या मामले में एडीजे 9 संजीव कुमार पांडेय ने फैसला सुनाया।
मामले में जज ने मृतिक के पति और ससुर को दोषी करार दिया। 26 फरवरी को मामले पर सजा सुनाई जाएगी। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में बंद हैं।
16 साल पहले हुई थी शादी
बता दे कि मृतक अंजू देवी कि शादी संजय कुमार से वर्ष 2005 में हुई थी। लेकिन शादी के कुछ दिनों के बाद से ही ससुराल पक्ष के द्वारा एक लाख रुपया के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा।
ससुराल वालों का कहना था कि अपने घर वालो से किसी तरह एक लाख रुपया मंगवाओ। ऐसा नही करने पर मृतिका के साथ अक्सर मारपीट भी किया करते थे।
जिंदा जला दिया था
पीड़िता ने अपने मायके वालों से दहेज मांगकर लाने से इंकार कर दिया था। इसी से आक्रोशित होकर उसके पति समेत अन्य ने उसे जिंदा जला दिया था। जिसके बाद इलाज के लिए उसे SKMCH अस्पताल लाया गया।
जहां मृतक के परिजनों ने ससुराल वालों को पकड़ लिया। साथ ही हंगामा भी हुआ। जिसके बाद सदर थाना में केस दर्ज हुआ था। केस का सबसे रोचक पहलू यह है कि पुलिस ने केस में सिर्फ पती को दोषी पाते हुए चार्जशीट दाखिल किया था।
लेकिन कोर्ट में केस के ट्रायल के दौरान ससुर के खिलाफ भी साक्ष्य सामने आया। जिसके आधार पर कोर्ट ने उसके खिलाफ संज्ञान लिया।
सास समेत 2 आरोपित बरी
बहू को ज़िंदा जलाने के इस केस में पति और ससुर के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया गया।11 साल के सुनवाई के बाद मामले में दोनो को दोषी पाए जाने का फैसला सुनाया गया है।
इसमे अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कृष्ण देव शाह ने साक्ष्य पेश किया है। जिसके आधार पर दोनो को दोषी करार दिया गया। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि 304B के अंतर्गत दोनो को दोषी पाया गया है।
पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया। जिसके बाद न्यायालय ने दोनो को दोषी पाया। जिसमे मृतिका का पति संजय कुमार और उसका ससुर रघुनाथ सिंह शामिल है।
कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में मृतक की सास समेत दो आरोपी को बरी कर दिया। 26 फरवरी को मामले में सजा सुनाई जाएगी।
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