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Arson In Bihar: गर्मी के बीच आग लगने की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। राज्य के सभी जिलों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। आग लगने की घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकारी उपाय भी किए जा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहे हैं।
हाइलाइट्स
- प्रतिदिन कहीं न कहीं आग लगने की घटनाएं सामने आ रही
- शॉर्ट सकिर्ट से आग लगने की अधिकांश घटनाएं
- गर्मी में आग लगने की घटना में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि
- ग्रामीण इलाकों में लटके तार को दुरूस्त करने का निर्देश
प्रतिदिन कहीं न कहीं आग लगने की घटनाएं सामने आ रही
फिलहाल जो स्थिति बनी हुई है, उसमें प्रतिदिन कहीं न कहीं से आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें फसल, मकान, पशुधन मिलाकर लोगों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। राज्य में 1000 से अधिक घटनाएं सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हुई हैं, लेकिन कई घटनाएं ऐसी भी होंगी जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुई। जो घटनाएं दर्ज हुई हैं, दसमें से अधिक घटनाएं मार्च और अप्रैल महीने में घटी हैं। बिहार के जिलों में दरभंगा में अब तक 125 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं घट चुकी हैं जबकि समस्तीपुर में 115 से अधिक घटनाएं हुई।
शॉर्ट सकिर्ट से आग लगने की अधिकांश घटनाएं
आग लगने की घटनाओं के कारणों के विषय में बताया जाता है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं तो होती ही हैं, साथ ही गेहूं तैयार करने के दौरान थ्रेसर से निकली चिंगारी से भी आग लगती है। इसके अलावा खेतों में लगी गेहूं की फसल में भी एक चिंगारी से आग फैल जाती है और बड़े भूभाग में लगी फसल नष्ट हो जाती है। वैसे, ग्रामीण पराली जलाने के दौरान भी आग लगने की घटनाओं को कारण मानते हैं। औरंगाबाद जिले में पिछले 10 दिनो में 40 घटनाएं घट चुकी हैं। लोगों को कहना है कि चल रही पछुआ हवा आग लगने के बाद घी का काम करती है।
गर्मी के मौसम में आग लगने की घटना में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि
इधर, अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक, गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं में 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाती है, जिसमें कई तरह के कारणों के अलावे जलावन पर खाना पकाना भी एक कारण है। खाना बनाने के बाद चूल्हे में छोड़ी गई चिंगारी भी दावानल का रूप ले लेती है। अधिकारी बताते हैं कि अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत लोगों को आग से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में लटके तार को दुरूस्त करने का निर्देश
इधर, बिहार राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने गर्मी के दिनों में आग लगने की घटना से बचाव को लेकर सभी विद्युत अंचल को ग्रामीण इलाकों में लटके तारों को दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार कहते हैं कि बिजली चोरी के कारण भी आग लगने की घटनाएं होती हैं। उन्होंने भी माना की गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
अग्निशमन विभाग के पास 700 गाड़ियां मौजूद
इधर, पटना जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार कहते हैं कि विभाग का प्रयास होता है कि आग लगने की घटना की सूचना के बाद कम से कम समय में वाहन पहुंच जाए। इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आधुनिकीकरण के भी लगातार प्रयास हो रहे हैं। वर्तमान में पटना में 45 बड़ी और 40 छोटे दमकल की गाड़ियों के साथ उंचे भवनों में आग बुझाने के तीन हाइड्रोलिक प्लेटफार्म हैं। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में अग्निशमन महकमा के पास छोटी, बड़ी और एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म जैसी करीब 700 गाड़ियां मौजूद हैं। इन गाड़ियों की तैनाती जिला स्तर से लेकर मुख्यालय तक में की गई है। जरूरत के हिसाब से हालांकि इनकी संख्या कम है। बताया जाता है कि राज्य के कई ऐसे थाने हैं, जहां आज भी दमकल गाड़ियां उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में घटना होने पर काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
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