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Bihar Vidhan Parishad Chunav 2022 : बिहार विधानपरिषद चुनाव 2022 में लालू यादव की पसंद का असर RJD के उम्मीदवारों की लिस्ट पर दिख गया है। लालू ने एक तीर से कुछ खास जातियों को साधने की पूरी कोशिश की है। इस लिस्ट को देखकर साफ पता चल रहा है कि आरजेडी अब समाज के उन वर्गों को साधने के जुगाड़ में लगी हुई है जो NDA से नाराज हैं, ताकि अगले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी को इसका फायदा मिल सके।
हाइलाइट्स
- MLC चुनाव में लालू ने राजपूत-भूमिहार से लेकर यादवों को भी किया खुश
- मुजफ्फरपुर के बाहुबली शंभू सिंह को भी टिकट
- 9 यादव, 5 भूमिहार और 4 राजपूतों को लालू ने दिया टिकट
- एक-एक ब्राह्मण-बनिया और मुसलमान उम्मीदवार को भी टिकट
RJD ने जारी की एमएलसी उम्मीदवारों की लिस्ट
RJD के 21 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा भरोसा पारंपरिक यादव वोटरों पर जताते हुए 9 यदुवंशियों को टिकट दिया गया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर लालू ने भूमिहार जाति के उम्मीदवारों को रखा है। आरजेडी ने कुल 5 भूमिहारों को टिकट दिया है। इसके बाद तीसरे नंबर पर राजपूत जाति के उम्मीदवार हैं, कुल 4 क्षत्रियों को राजद ने विधानपरिषद चुनाव के लिए टिकट दे दिया है। इसके अलावा एक-एक ब्राह्मण-बनिया और मुसलमान उम्मीदवार को टिकट दिया गया है। इस लिस्ट को देखकर आप आराम से अंदाजा लगा सकते हैं कि लालू का ‘गेम 2025’ अभी से ही शुरू हो गया है।
- भोजपुर-बक्सर से अनिल सम्राट (यादव)
- गया- रिंकू यादव (विधायक सुरेंद्र यादव के दामाद)
- दरभंगा- उदय शंकर यादव (यादव)
- नालंदा- बीरन यादव (यादव)
- सीतामढ़ी- कब्बू खीरहर (यादव)
- वैशाली- सुबोध राय (यादव)
- बेगूसराय-खगड़िया से मनोहर यादव (यादव जाति)
- कटिहार- कुंदन सिंह (यादव)
- भागलपुर सीट सीपीआई के खाते में- संजय यादव (यादव)
- मुजफ्फरपुर- शंभू सिंह (भूमिहार)
- पटना- कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक मास्टर (भूमिहार)
- मुंगेर-जमुई-लखीसराय- अजय सिंह (भूमिहार)
- पूर्वी चंपारण- बबलू देव (भूमिहार)
- पश्चिमी चंपारण- सौरभ कुमार (भूमिहार)
- रोहतास-कैमूर- श्री कृष्ण सिंह (राजपूत)
- औरंगाबाद- अनुज सिंह (राजपूत)
- गोपालगंज- दिलीप सिंह (राजपूत)
- सहरसा-मधेपुरा- डॉक्टर अजय सिंह (राजपूत)
- सारण- सुधांशु रंजन पांडे (ब्राह्मण)
- सिवान- विनोद जायसवाल (बनिया, कलवार)
- मधुबनी- मेराज आलम (मुसलमान)
लालू का अभी से ही तेजस्वी के लिए बड़ा दांव
लालू को बखूबी पता है कि 2025 के लिए चुनावी रणनीति की बिसात तैयार करने के लिए विधानपरिषद चुनाव से बड़ा मौका नहीं था। इसीलिए लालू ने बीजेपी-जेडीयू से नाराज सवर्ण समाज खासतौर पर भूमिहार जाति के लोगों को अपने पाले में करने की कोशिश की है। इसके बाद उन्होंने सवर्ण समाज की दूसरी जाति राजपूतों को भी जी खोलकर टिकट बांटा है। चुंकि यादव आरजेडी के कोर वोटरों में हैं इसीलिए उन्हें सबसे ज्यादा तरजीह दी गई है। ये सब इसलिए कि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी की राह से कांटे हटाए जा सकें।
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