Home Bihar राकेश पासवान की हत्या के बाद बिहार की कानून व्यवस्था पर उठने लगे सवाल

राकेश पासवान की हत्या के बाद बिहार की कानून व्यवस्था पर उठने लगे सवाल

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राकेश पासवान की हत्या के बाद बिहार की कानून व्यवस्था पर उठने लगे सवाल

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पटना: पड़ोस के सूबे उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक का बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। मानवाधिकार संगठन और अपने को सेकुलर बताने वाले नेताओं को छोड़ चारों ओर इसकी तारीफ हो रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की वाहवाही हो रही है। उनके इकबाल की लोग दुहाई दे रहे हैं। अपराधियों से निपटने के योगी की पुलिस के तरीकों की तारीफ हो रही है। कभी बिहार में नीतीश कुमार ने भी अपराधियों के खिलाफ सख्ती बरती थी। योगी और नीतीश की स्टाइल में फर्क सिर्फ इतना है कि नीतीश ने बड़े अपराधियों के खिलाफ मुहिम चला कर उन्हें जेल के सीखचों के भीतर पहुंचाया। स्पीडी ट्रायल करा सजा दिलाई। शहाबुद्दीन, अनंत सिंह और आनंद मोहन इसके उदाहरण हैं। यही दौर था, जब नीतीश को लोग सुशासन बाबू कहने लगे थे। लेकिन अब नीतीश का इकबाल खत्म हो गया है। अपहरण, लूट और मर्डर से तबाह बिहार के लोग अब यह कहने से नहीं चूकते जंगल राज बिहार में फिर से लौट आया है।

यूपी में माफिया का एनकाउंटर, बिहार में दलित का मर्डर

यह गजब का संयोग है कि यूपी में माफिया अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर की खबर देश में भर चर्चा का केंद्र बनी तो बिहार में एक दलित नेता राकेश पासवान की हत्या की खबर सिर्फ सूचना भर रह गई। हाल के दिनों में बिहार अपहरण, हत्या और लूट के बढ़ते वारदात से लोग परेशान हैं। बिहार में अपराधियों के हौसले की बुलंदी इसी से समझी जा सकती है कि घर से निकले एनएमसीएच के एक डाक्टर का अब तक पता नहीं चला। लूट, फिरौती, रंगदारी, अपहरण और हत्या जैसे अपराध हाल के दिनों में बेतहाशा बढ़े हैं। यही वजह है कि अब बिहार में यह कहा जाने लगा है कि जंगलराज पार्ट-2 की वापसी हो गई है।

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अपराधियों के निशाने पर राजनेता

अब तो अपराधियों के निशाने पर पब्लिक ही नहीं, पोलिटिशियन भी आ गए हैं। वैशाली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में अपराधियों द्वारा रालोजपा के नेता और दलित सेना के राष्ट्रीय सचिव राकेश पासवान की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद जो बवाल हुआ, उसे पुलिस रोकने में नाकाम रही। इसके पहले भी कई नेताओं की हत्या हो चुकी है।

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सीएम नीतीश कुमार का इकबाल खत्म?

अपराधियों के बुलंद मंसूबे को इसी से समझा जा सकता है कि शराब पकड़ने के लिए छापा मारने पहुंची पुलिस धंधेबाजों से पिट जाती है। बालू माफिया का आतंक इतना है कि पुलिस उन पर हाथ डालने से ही बचना चाहती है। नीतीश कुमार अपराध की समीक्षा बैठक के बाद सिर्फ संकल्प दोहराते हैं कि क्राइम से कोई समझौता नहीं करेंगे। हम न किसी को बचाते हैं और न किसी को फंसाते हैं। जबकि हकीकत कुछ और है। सच्चाई यह है कि अब उनका इकबाल ही नहीं बचा है। अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं है। बढ़ते अपराध को लेकर विपक्षी दल हंगामा मचाते रहते हैं।

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चिराग तो योगी से सीख लेने की सलाह दे रहे नीतीश को

लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान शुक्रवार को अपराध के मुद्दे पर नीतीश कुमार को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने नीतीश कुमार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से सीखने की सलाह दे डाली। उनका यह कहना कि नीतीश जी, आप से कुछ नहीं हो पा रहा है। आप पड़ोसी राज्य यूपी से सीखिए। वहां अपराधियों के साथ कैसा सलूक होता है। बिहार जल रहा है और सीएम नीतीश खुद को पीएम बनाने का सपना लिए घूम रहे हैं। नीतीश के शासन में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है। अपराधी दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर रहे हैं। अपराधियों में कानून का डर खत्म हो गया है। वे बेखौफ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
रिपोर्ट-ओपी अश्क

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