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रिपोर्ट-गौरव कुमार
भोजपुर. बिहार के आरा में कुम्हारों का काम अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है.पीढ़ियों से पुरखों की विरासत को बढ़ाने वाले कुम्हार परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. अब न मिट्टी के बर्तन के खरीदार बचे हैं और न ही सदियों पुरानी इस कला को बचाने के लिए सरकार के पास कोई कारगर योजना है. आरा सदर प्रखंड के बड़का डुमरा में व्यावसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन कुम्हार सिर्फ कहानियों का हिस्सा बन कर रह जाएंगे.
सुनिए कुम्हारों का दर्द
कुम्हार परिवार से जुड़े रामाधार पंडित और चमुखा देवी सहित अन्य कहती हैं कि आज के युग में कुम्हारों के पास दीया और मटकी बनाने के अलावा कोई काम नहीं है. इसके भी खरीदार ज्यादा नहीं हैं. बिक भी जाये तो पर्याप्त मुनाफा नहीं है. आगे रामाधार पंडित बोलते है कि मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य वो 50 सालों से करते आ रहा हैं. मेरे पूर्वज भी इस कार्य को करते थे लेकिन तब स्थिति बेहतर थी.
क्योंकि उस समय पक्का का मकान नहीं बल्कि गांवों में छप्पड़ का मकान होता था.उस मकान को बनाने में जो मेटीरियल होता था. उससे ले कर मकान बनाने में कारीगर तक कुम्हार ही होते थे.लोग मटका का प्रयोग करते थे.पानी पीने के लिए चुक्कड़ का प्रयोग करते थे. शादी विवाह में दर्जनों मिट्टी के बर्तन उपयोग होते थे,पैसे जमा करने के लिए मिट्टी के गुलक उपयोग होते थे.
सिर्फ विरासत बचाने के लिए कर रहें काम
आगे चमुखा देवी बोलती है कि कुम्हारों की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. कुछ लोग आज भी अगर इस काम से जुड़े हैं तो सिर्फ विरासत को बचाने के लिये. वरना मिट्टी के बर्तन आज अप्रासंगिक हो चुके हैं. मिट्टी से जुड़ी ये सदियों पुरानी कला और व्यापार की विरासत खुद मिट्टी में मिलती जा रही है. न्यूज़ 18 लोकल से कुम्हारों ने सरकार पर भी ध्यान नहीं देने का आरोप लगाएं.
बोले कि सरकार की कोई योजनाएं हमारे लिए नहीं आती है.हम चाहते है कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार हमारे पुस्तैनी कार्य को जीवित रखने के लिए कोई योजना ले कर आये. जिसका हम लाभ उठा सके और दम तोड़ रही विरासत को बचा सके.
इस योजना का लें सकते हैं लाभ
इस संदर्भ में न्यूज 18 की टीम भोजपुर जिला उद्योग विभाग पहुंच कर कुम्हारों से जुड़ी योजना के बारे में जानकारी ली तो जिला उद्योग केंद्र के बड़ा बाबू अखिलेश ने बताया कि कुम्हारों के लिए खास कोई योजना नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री सृजन रोजगार योजना के तहत 1 लाख से ले कर 50 लाख तक का लाभ कुम्हार समुदाय ले सकते है.इस योजना के तहत मड पोर्ट नाम से एक योजना है.जिसका उपयोग कुम्हार समाज कर सकते है.
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पहले प्रकाशित : अप्रैल 07, 2023, 12:57 अपराह्न IST
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