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Jahanabad News : अब हिंसा से पीड़ित महिलाएं नहीं होंगी बेसहारा, यहां मिलेंगी न्याय से लेकर सभी सुविधाएं

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Jahanabad News : अब हिंसा से पीड़ित महिलाएं नहीं होंगी बेसहारा, यहां मिलेंगी न्याय से लेकर सभी सुविधाएं

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रिपोर्ट – हर्षित कुमार

जहानाबाद. आज के समय में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई प्रयास किए जा हैं और महिलाएं सशक्त हो भी रही हैं. लेकिन थोड़ी सी जागरूकता के अभाव में कभी-कभी हिंसा का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में अपने पर हुए हिंसा का निदान पीड़ित महिलाएं कहां पा सकती हैं. इसकी जानकारी आपको इस खबर के जरिए मिल जाएगी.

देश यह कानून महिलाओं के साथ घर के अंदर उनके अपने रिश्तेदारों द्वारा होने वाली हिंसा को पहचानता है और हिंसा से बचाने के लिए तत्काल राहत प्रदान करता है. महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन की शुरूआत की गई है. जहानाबाद में जिला प्रशासन द्वारा संचालित यह वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन का पता जहानाबाद जिले के समाहरणालय भवन के ग्राउंड फ्लोर कमरा नंबर-11 में है.

महिला हेल्पलाइन को हीं बना दिया गया वन स्टॉप सेंटर

जहानाबाद के वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत केंद्र प्रशासक ज्योत्सना कुमारी बताती हैं कि वन स्टॉप सेंटर केंद्र प्रायोजित योजना है. वह 2008 से ही यहां कार्यरत हैं और पूर्व में यहां महिला हेल्पलाइन संचालित किया जा रहा था. महिला एवं बाल विकास की ओर से समाज कल्याण विभाग का यह महिला हेल्पलाइन है. 2019 में महिला हेल्पलाइन को वन स्टॉप सेंटर बना दिया गया.

महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर एक ही है और दोनों का काम लगभग एक समान है. इस वन स्टॉप सेंटर में विभिन्न प्रकार की प्रताड़ित महिलाएं यहां घरेलू हिंसा या दहेज को लेकर प्रताड़ना या फिर मारपीट की शिकायत लेकर यहां पीड़ित महिलाएं आती हैं.

दोनों पक्षों का काउंसलिंग कर कराया जाता है समझौता


पीड़ित महिलाएं जब सबसे पहले शिकायत चाहे वह किसी प्रकार की हो, पति के साथ या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ समस्या उत्पन्न हो रही हो तो वह लेकर यहां हमारे पास आती हैं. अपनी समस्या हमें सुनाती हैं.

समस्याओं के निराकरण के लिए सर्वप्रथम हम सेकंड पार्टी जिनके साथ पीड़ित महिला को समस्या हो रही हो उनको नोटिस भेजकर ज्वाइंट मीटिंग की एक तारीख निर्धारित करते हैं और वहां पर एक लीगल एडवाइजर भी होते हैं. बैठक में आरोपित अपना पक्ष रखते हैं और तब वहां पर दोनों पक्षों की काउंसिलिंग कर आपसी समझौते के पश्चात मामले को सुलझाया जाता है.

वन स्टॉप सेंटर में अब तक आ चुका 2700 मामले

ज्योत्सना कुमारी ने बताया कि अब तक लगभग 2700 शिकायत आ चुका है और उनमें से 80 प्रतिशत मामलों का निदान हो चुका है. जिनका निदान नहीं हो पाता है वह मामला थाना में रेफर कर दिया जाता है और वह कोर्ट में चला जाता है. उन्होंने बताया कि समस्या के निदान में केस की स्थिति पर निर्भर करता है. जैसा केस वैसे उसका निदान होता है. किसी-किसी मामले का एक से डेढ़ घंटे में भी निदान हो जाता है कई ऐसे मामले आते हैं जिसमें एक से लेकर छह महीने भी लग जाता हैं.

बिहार में 181 टोल फ्री नंबर है जो महिला हेल्पलाइन के रूप में काम कर रहा है. इस नंबर पर कॉल कर पीड़ित महिलाएं शिकायत कर सकती हैं. इसके अलावा पुलिस की तरफ से भी सुरक्षा दी जाती है. उसके लिए 112 नंबर पर कॉल करें. इस वन स्टॉप सेंटर का दायित्व विभिन्न प्रकार की प्रताड़ना एवं अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को सहयोग प्रदान कर उनके पुनर्वास के लिए प्रयास करना है.

वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती है

1. संबंधित पक्षों को मनोवैज्ञानिक परामर्श उपल्ब्ध कराया जाता है.

2. पीड़ित महिलाओं को आवश्यकतानुसार कानूनी सहायता उपल्ब्ध कराया जाता है.

3. ज़रूरतमंद महिलाओं को अल्पावास गृह के माध्यम से रहने की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

4. आवश्यकतानुसार पीड़ित महिलाओं को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराया जाता है.

5. प्राथमिकी कराने में पीड़ित महिला को सहयोग किया जाता है.

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