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ईडी कर सकती है गिरफ्तार!
जानकार कहते हैं कि देखिए जिस तरह ईडी ने लालू परिवार की संपत्ति को अपराध की संपत्ति करार दिया है। जिस तरह पैसे को मैनेज करने के लिए मुंबई के आभूषण व्यापारियों का सहारा लिया गया है। जिस तरह ईडी तेजस्वी यादव और अन्य पर लगभग 600 करोड़ रुपये के अपराध की आय जमा करने का आरोप लगा रही है। ईडी ने जो कागजात पेश किये हैं। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में ईडी को इतना पावर है कि वो तेजस्वी यादव को जेल भेज सकती है। इससे पूर्व सुशील मोदी ने साफ कहा है कि इस खेल के पीछे सीधे-सीधे नीतीश कुमार हैं। उन्हें पता है कि तेजस्वी यादव और लालू यादव सहित उन 16 आरोपियों का जेल जाना तय है। नीतीश कुमार खुश इसलिए हैं कि सीबीआई, ईडी का शिकंजा ऐसा है कि अब उनके ऊपर तेजस्वी को सीएम बनाने का दबाव नहीं रह जाएगा। सियासी जानकारों की मानें तो सुशील मोदी की इस बात में दम दिखता है। तेजस्वी को सीएम बनाने की घोषणा करने के बाद सीएम परेशान हैं। जेडीयू में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री ईडी की कार्रवाई से राहत की सांस ले रहे हैं। हालांकि सियासी गलियारों में चल रही इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है ये तो वक्त तय करेगा।
रेड बुल पीकर सियासी हमला-तेजस्वी
फिलहाल हम तेजस्वी के उस बयान की बात करते हैं। जिसमें तेजस्वी को लग रहा है कि उनके खिलाफ हो रही साजिश में ‘रेड बुल’ का हाथ है। जी हां, तेजस्वी को लग रहा है कि उनके खिलाफ होने वाले सियासी हमले एनर्जी ड्रिंक का सेवन करके किये जा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने खुलकर सीएम पद और अपनी महात्वाकांक्षा को दरकिनार करने वाला बयान दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं। वह अभी सही जगह पर खड़े हैं। नीतीश कुमार के अधीन काम कर रहे हैं। उन्होंने हाल में विधानसभा में कहा कि नीतीश जी ने मुझे काम दिए हैं और मैं उन्हें पूरा करना चाहता हूं। न तो मैं बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं और न ही उनकी इच्छा देश का प्रधानमंत्री बनने की है। मैं जिस भी जगह पर खड़ा हूं, वही सही जगह है। मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। मुझसे ज्यादा भाग्यशाली कौन है? मेरे पिता और माता पूर्व में मुख्यमंत्री थे। मैं बिहार का उपमुख्यमंत्री हूं। मैं बिहार में विपक्ष का नेता भी था। नीतीश कुमार ने मुझे मौका दिया है और उन्होंने मुझे जो पद और कार्यभार दिया है, मैं उसे सही ठहराना चाहता हूं। मैं साबित करना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया, वह सही था।
तेजस्वी अंदर से डर गये हैं!
सियासी जानकार कहते हैं सुना आपने कल तक नीतीश कुमार के पीछे-पीछ सीएम पद के लिए मुंह लटकाए खड़े रहने वाले तेजस्वी यादव अब पद से दूर हो गये हैं। उनकी पार्टी के उन सैकड़ों कार्यकर्ताओं को झटका लगा है। राजद के विधायक परेशान हो गये हैं। तेजस्वी ने ये क्या कह दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये सब सुशील मोदी के आंकड़ों का कमाल है। सुशील मोदी की बातें झूठी नहीं होती। यदि उन्होंने जेल जाने की भविष्यवाणी की है। अपराध की आय के कागजात बरामद हुए हैं। तेजस्वी को पता है कि वे जेल जा सकते हैं। इसलिए समय रहते तेजस्वी अपनी फिल्डिंग टाइट रखना चाहते हैं। इसलिए कि यदि वे जेल भी चले जाएं तो राजद के संख्या बल के आधार पर सीएम नीतीश आगे भी आरजेडी के साथ ही सरकार चलाएं। वे खुद को अब इच्छा मुक्त बताने में लगे हैं। वे नीतीश पर दबाव अपनी तरफ से नहीं डालना चाहते कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई लालसा है। तेजस्वी पूरी तरह लाचार होकर कहते नजर आए कि लोग बहुत सी चीजें करते थे। वह सभी गलत चीजें हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि झूठे बयान देने से बचें। मैं नीतीश कुमार के साथ खड़ा हूं और मैं अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटूंगा।
अफवाह मियां हैं सुशील मोदी-तेजस्वी
तेजस्वी ने एक झटके में महागठबंधन के उन नेताओं को झटका दिया है, जो उनके सीएम बनने का सपना देख रहे थे। तेजस्वी ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि राजद का अब कोई भी नेता उनके मुख्यमंत्री बनने का ऐलान बेवजह नहीं करे। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के अधीन काम कर रहे हैं और भविष्य में क्या होगा कोई नहीं जानता। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी उन्हें और नीतीश कुमार को हर दिन गाली देते थे। उन्होंने कहा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वह रेड बुल और अन्य ऊर्जा पेय पीते हैं और हर दिन हमें गाली देते हैं लेकिन यह आपको फिर से सत्ता में आने में मदद नहीं करेगा। तेजस्वी के बयान से ये साबित हो गया कि वे सुशील मोदी के बयान को हल्के में नहीं लेते हैं। तेजस्वी ने कहा कि ईडी और सीबीआई ने मेरे परिवार और अन्य रिश्तेदारों के घरों पर छापा मारा लेकिन उनके पास नए सवाल और सबूत नहीं हैं। बीजेपी के पास एक नेता है जिसे अफवाह मियां (सुशील कुमार मोदी) के रूप में पहचाना जाता है, उसका एक ही काम है प्रेस कॉन्फ्रेंस करना और हम पर आरोप लगाना। 2017 में उन्होंने मिट्टी घोटाला के आरोप लगाए थे। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद वे विभाग के मंत्री बने और उस तथाकथित घोटाले पर मिट्टी डाल दी। तेजस्वी यादव ने कहा कि एजेंसियां 2017 से मेरी (आईआरसीटीसी भूमि में) जांच कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने पिछले 6 वर्षों में क्या पाया है।
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