Home Bihar Bihar में फिर डराने लगे किडनैपिंग के मामले, ये आंकड़े बयां कर रहे पूरी हकीकत

Bihar में फिर डराने लगे किडनैपिंग के मामले, ये आंकड़े बयां कर रहे पूरी हकीकत

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Bihar में फिर डराने लगे किडनैपिंग के मामले, ये आंकड़े बयां कर रहे पूरी हकीकत

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पटना: बिहार क्या फिर से जंगलराज की ओर बढ़ रहा है? क्या सूबे में अपहरण उद्योग फलने-फूलने लगा है? ये सवाल सूबे में हालिया आपराधिक घटनाओं को देखते हुए उठे हैं। जिस तरह से बीते दो दिनों में किडनैपिंग के दो बड़े मामले आए, उससे हड़कंप मच गया है। पहला मामला पटना का है, जहां एक टीचर के बेटे का अपहरण किया गया। जानकारी के मुताबिक, बदमाशों ने इसमें 40 लाख की फिरौती भी मांगी है। इस सूचना के बाद पुलिस प्रशासन जांच में जुटा हुआ है। इसी बीच किडनैपिंग का दूसरा केस मुजफ्फरपुर में सामने आया। हालांकि, इसमें पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मामले का खुलासा कर दिया।

पटना में टीचर के बेटे का अपहरण, मांगी गई फिरौती
मुजफ्फरपुर में अपहृत डॉक्टर के बेटे को आरा से बरामद कर लिया गया। वहीं आरोपी को भी पकड़ा गया है। भले ही मुजफ्फरपुर केस में पुलिस को कामयाबी मिल गई हो लेकि पटना में शिक्षक बेटे के अपहरण में अभी पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है। वहीं किडनैपिंग केस को लेकर रिकॉर्ड देखें तो सूबे की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं रही। एक समय बिहार फिरौती के लिए अपहरण केस को लेकर काफी सुर्खियों में रहा था। पिछले कुछ साल के NCRB के आंकड़े इसकी पूरी हकीकत बयां कर रहे।

तीन साल में अपहरण के आंकड़ें देखिए

बिहार किडनप मामला

Muzaffarpur Kidnapping Case में बड़ा अपडेट, डॉक्टर के अपहृत बेटे को 24 घंटे में पुलिस ने किया रिकवर

NCRB के इन आंकड़ों से जरूर सहम गए होंगे

साल 2022 के NCRB के आंकड़े तो अभी नहीं आए हैं लेकिन इससे ठीक पहले यानी 2021 आंकड़े चौंकाने वाले थे। National Crime Records Bureau के 2021 के आंकड़ों को देखें तो देश में बिहार अपहरण मामलों में तीसरे नंबर पर था। इससे पहले यूपी और महाराष्ट्र थे। 2021 में अपहरण के 10,198 केस रिकॉर्ड हुए थे। हालांकि, इसमें फिरौती के लिए अपहरण के मामले में सबसे कम 36 थे। 70 फीसद केस प्रेम प्रसंग और शादी को लेकर सामने आए थे। बिहार पुलिस के मुताबिक, इनमें कई मामले सामान्य और कुछ फर्जी भी निकले थे।

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2021 में तीसरे तो 2020 में चौथे स्थान पर रहा बिहार

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 फीसदी की कमी आई। 2020 में अपहरण के कुल 84,805 मामले दर्ज किए गए थे। किडनैपिंग के मामलों में उस समय बिहार का देश में चौथा स्थान था। इससे पहले 2019 में ये मामले 1,05,036 तक पहुंच गए थे। किडनैपिंग केस में आई इस गिरावट की एक बड़ी वजह उस समय लगे लॉकडाउन और लोगों के घर से बाहर नहीं निकलना माना जा गया था।

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