[ad_1]
क्या है पूरा मामला?
यह मामला प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई कथित नियुक्तियों से जुड़ा है। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थीं। इसमें आरोप लगाया गया है कि नौकरी के बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से राजद प्रमुख एवं तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार दरों से काफी कम कीमत पर जमीन बेच दी। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 27 फरवरी को प्रसाद की बेटी मीसा भारती समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया था और उन्हें 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
रेलवे अधिकारी भी साजिश में शामिल
इन दिनों देश में लैड फॉर जॉब का मामला सियासी गलियारों में गूंज रहा है। आपको बता दें कि 2007-08 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का दावा है कि तब महुआबाग कुंजवा में लालू ने जमीन की खरीदारी की। लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती और मध्य रेलवे के अधिकारी तत्कालीन जीएम सौम्या राघवन और मुख्य कार्मिक अधिकारी कमल दीप मैनराई समेत अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की। सबसे पहले कई लोगों को नौकरी दी गई। बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया। उसके बाद बदले में उनसे जमीन ली गई। ये केस 14 साल पुराना है। इस समय लालू रेल मंत्री थे। 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे। उसी दौरान ग्रुप डी की बहाली में जमकर धांधली हुई।
तेजस्वी यादव तीसरी बार नहीं हुए पेश
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीबीआई ने मंगलवार को कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच में शामिल होने के लिए तीसरी बार राष्ट्रीय राजधानी में तलब किया, लेकिन वह पेश नहीं हुए। जांच एजेंसी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। तेजस्वी यादव को जारी किया गया यह तीसरा नोटिस था, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। इससे पहले तेजस्वी यादव को 4 और 11 मार्च को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था और पिछले समन पर पत्नी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर वह जांच में शामिल नहीं हुए थे। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आने वाले दिनों में उन्हें नया समन भेजेगी। एजेंसी ने हाल ही में उनकी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पिता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से इस मामले में पूछताछ की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम और सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में या तो अपने परिवार के करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया।
15 अन्य के खिलाफ दर्ज है मामला
सीबीआई ने अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एक अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान लालू यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह डी पदों पर नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। सीबीआई के अनुसार, पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और उनके व उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी। एजेंसी ने कहा, जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्त लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। इस कार्यप्रणाली को जारी रखते हुए पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि, अचल संपत्तियों को यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच सेल डीड और दो गिफ्ट डीड के जरिए जमीन अधिग्रहीत की गई थी, जिसमें अधिकांश में विक्रेता को किया गया भुगतान दर्शाया गया था।
इनपुट-एजेंसी
[ad_2]
Source link