Home National News UPSC: कौन थे भारत के पहले IAS अधिकारी, जानें

UPSC: कौन थे भारत के पहले IAS अधिकारी, जानें

0
UPSC: कौन थे भारत के पहले IAS अधिकारी, जानें

[ad_1]

UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देशभर में सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है। क्या आपको मालूम है कि पहले भारतीय कौन थे, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को पास किया था और कब। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे।

भारत के पहले आईएएस

भारत के पहले आईएएस

UPSC सिविल सेवा, यानि एक ऐसी सेवा, जिसे पाने के लिए हर साल देशभर के लाखों युवा अपनी आंखों में सपने सजोते हैं। अपनी इस मंजिल को पाने के लिए युवा दिन-रात मेहनत करते हैं। हालांकि, इस मंजिल तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं रहता है। क्योंकि, इस यात्रा में आशा और निराशा जैसे कई फेज आते हैं। हालांकि, इन सभी फेज को पार करते हुए ही सफलता के शिखर तक कई लोगों ने अपना सफर पूरा किया है। इस परीक्षा को देने के लिए हर साल लाखों युवा तैयारी करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि पहले भातीय कौन थे, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास किया था। यदि नहीं, तो आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

1855 में शुरू हुई थी सिविल सेवा परीक्षा

सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत अंग्रेजों द्वारा की गई थी, जो कि 1855 में हुई थी। हालांकि, भारत में सिविल सेवा की शुरुआत 1922 से हुई थी। शुरुआत में इसे इंडियन इंपेरियल सर्विस के नाम से भी जाना जाता था।

पहले लंदन में होती थी परीक्षा

सिविल सेवा की शुरुआत होने के बाद इस परीक्षा का आयोजन लंदन में किया जाता था। ब्रिटिश हुकुमत होने के कारण इस सेवा पर अंग्रेजों का अधिकार था। शुरुआत में भारतीय इससे वंचित रहे थे। उस समय इसका सिलेबस भी ऐसा तैयार किया गया था कि यूरोपीय लोगों को अधिक नंबर मिल सके।

यह थे पहले भारतीय जिन्होंने पास की थी परीक्षा

भारत की ओर से सत्येंद्र नाथ टैगोर ने पहले भारतीय के रूप में यूपीएससी परीक्षा को साल 1863 में पास किया था। टैगोर मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले थे और ब्रह्म समाज से संबंध रखते थे। वह प्रेजिडेंसी कॉलेज के छात्र थे, जिन्होंने साल 1863 में परीक्षा पास करने के बाद 1864 में सिविल सेवक के रूप में आईएएस सेवा को ज्वाइन भी किया था।

1923 में हो गई थी मृत्यु

सत्येंद्र नाथ टैगोर की 9 जनवरी 1923 को मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार में पत्नी जनांदनंदनी टैगोर, बेटा सुरेंद्र नाथ टैगोर और बेटी इंदिरा देवी थी। सत्येंद्र नाथ एक कवि भी थे। ऐसे में उन्होंने कई कवि रचनाएं भी की थी। उन्होंने मिले सबे भारत संतान भी लिखा था, जो कि अनौपचारिक भारत का पहला राष्ट्रीय गान भी बना था।

लंदन के हेलबरी कॉलेज में हुआ था प्रशिक्षण

ब्रिटिश हुकुमत के समय प्रशासनिक सेवाओं का प्रशिक्षण लंदन के कॉलेज में ही किया जाता था। उस समय लंदन के Haileybury College को प्रशिक्षण देने के लिए चुना गया था। यही पर सभी चयनित अधिकारियों की ट्रेनिंग कराई जाती थी।

टैगोर के तीन साल बाद 4 भारतीयों ने पास की थी परीक्षा

सत्येंद्र नाथ टैगोर द्वारा सिविल सेवा पास करने के बाद चार अन्य भारतीयों ने भी इस परीक्षा को पास किया था। हालांकि, वह वक्त आते-आते तीन साल लग गए थे। इसके बाद साल 1922 में प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा का आयोजन भारत में होने लगा था।

पढ़ेंः IAS Success Story: बैंकिंग में जाने का था मन, तैयारी कर हासिल की 53वीं रैंक और IAS बन गए आशीष कुमार

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here