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एक आदमी के दो-दो डेथ सर्टिफिकेट
दरअसल, कोविड-19 से 2020 में राजीव कुमार निराला की पटना एम्स में मौत हो गई। दूसरी पत्नी होने का दावा करने वाली महिला पूजा कुमारी को सरकारी राहत कोष से चार लाख रुपए मुआवजा मिला। अब राजीव के पिता जनार्दन प्रसाद ने इसे रद्द करने की मांग की है। वहीं, पूजा कुमारी का दावा है कि 2016 में राजीव से उनकी शादी हुई थी। अब वो कह रही है कि राजीव के परिवारवालों उनकी वैवाहिक स्थिति को शादी के वक्त छिपाया था।
राजीव के पिता जनार्दन प्रसाद को जारी किए गए पहले मृत्यु प्रमाण पत्र में प्राची प्रिया को निराला की पत्नी के रूप में दर्ज किया गया। फिर एक सप्ताह बाद नया प्रमाण-पत्र जारी किया गया, जिसमें पूजा कुमारी को राजीव की पत्नी बताया गया। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक जनार्दन प्रसाद ने संशोधित मृत्यु प्रमाणपत्र में राजीव की पत्नी का नाम एम्स ने किस आधार पर बदला, ये जानने के लिए दिसंबर में सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन दायर किया था। लेकिन संस्थान ने अब तक जवाब नहीं दिया है।
किस कागजात के आधार पर बदला पत्नी का नाम?
जनार्दन प्रसाद ने कहा कि वो पूजा कुमारी को भुगतान किए गए मुआवजे की वसूली के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र को सही करने और उनके आरटीआई आवेदन का जवाब देने के लिए एम्स की प्रतीक्षा कर रहे थे। एम्स को संशोधित मृत्यु प्रमाण पत्र रद्द करना चाहिए और इसे पूजा कुमारी से वापस लेना चाहिए। वहीं, मुआवजे का भुगतान करने वाले आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि उसे मामले की जानकारी नहीं है क्योंकि उसे कोई शिकायत नहीं मिली है।
राजीव कुमार निराला के परिवार पर अपनी वैवाहिक स्थिति को छिपाकर धोखा देने का आरोप लगाने वाली पूजा कुमारी ने उनके खिलाफ पटना में दहेज का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि उनके भाई राहुल देव बर्मन ने एम्स में निराला का इलाज कराया। उनकी दवा पर लाखों रुपए खर्च किए। मेरे भाई और मैंने दाह संस्कार के लिए एम्स से अपने पति का शव लिया। पटना के सर्कल अधिकारी के कार्यालय से कॉल आने के बाद उन्हें मुआवजा मिला। मुझे मुआवजे का दावा करने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया था।
अब मामले को नोटिस लिया पटना एम्स
पूरे मामले पर पटना एम्स ने कहा कि पति या पत्नी के अलग-अलग नामों से दो मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाने पर संज्ञान लिया है, लेकिन अब तक गलती को सुधारा नहीं गया है। पटना एम्स के जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत भारती ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा कि पटना एम्स दोनों मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द कर देगा। पत्नी के नाम का उल्लेख किए बिना पिता को एक नया प्रमाण पत्र जारी करेगा। इन प्रमाणपत्रों को जारी करने वाले संबंधित कर्मचारियों को चेतावनी पत्र के रूप में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भारत के महापंजीयक की ओर से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाले बिहार के योजना एवं विकास विभाग ने कहा कि ये जांच का विषय है। बिहार में मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) रविशंकर ने कहा कि ये चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी थी, जो एम्स में जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार भी हैं, जिन्होंने सहायक दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर प्रमाण पत्र को सत्यापित किया।
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