Home Bihar Nitish Kumar के सियासी तरकश में बहुत तीर हैं! जेडीयू में शुरू हो गया खेल, Kushwaha की काट कुशवाहा

Nitish Kumar के सियासी तरकश में बहुत तीर हैं! जेडीयू में शुरू हो गया खेल, Kushwaha की काट कुशवाहा

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Nitish Kumar के सियासी तरकश में बहुत तीर हैं! जेडीयू में शुरू हो गया खेल, Kushwaha  की काट कुशवाहा

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पटना: मंगलवार की दोपहर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड ( JDU ) के भीतर पिछड़ा- अति पिछड़ा वर्ग को इग्नोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद में पार्टी की स्थिति को देख कर स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस विषय पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) को कई बार बताया है लेकिन, वह अब अपने मर्जी से कोई फैसला भी नहीं कर पा रहे हैं। अब शाम होते-होते अति पिछड़ा के मुद्दे पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इशारों में उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा है।

मुख्यमंत्री ने किया अति पिछड़ों का सम्मान

जनता दल यूनाईटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हाशिए पर डाल दिए गए अतिपिछड़े समाज को नीतीश कुमार ही विकास की मुख्यधारा जोड़ने का काम किया है। उमेश कुशवाहा ने कहा कि 17 साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों के लिए परिवर्तन का जो अलख जगाया है, ऐसा उदाहरण देश में और कहीं नहीं देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज बिहार में अतिपिछड़ा समाज के लोग राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से लगातार सशक्त हो रहे हैं। अतिपिछड़ों के उत्थान के लिए नीतीश कुमार एक रोल मॉडल बन चुके हैं।

नीतीश कुमार की वजह से अतिपिछड़ा को मिला आरक्षण का लाभ

जेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रदेश की बागडोर संहालते ही पंचायत और नगर निकाय में अतिपिछड़ा समाज के लोगों को आरक्षण देने का काम किया। इस वजह से बिहार देश में पहला राज्य बना जहां अति पिछड़ा समाज का राजनीतिक सशक्तिकरण हुआ। उमेश कुशवाहा ने कहा कि लेकि अतिपिछड़ा समाज के लोग जब तेजी से सशक्त होने लगे तो अतिपिछड़ा विरोधी बीजेपी ने षड्यंत्र कर इसे समाप्त करने का कुचक्र चलाया। जदयू प्रदेश अध्यक्ष का यह भी कहना है कि कई भाजपा शासित राज्यों में आज भी अतिपिछड़ों को पिछड़ों पिछडा वर्ग से अलग तक नहीं किया गया है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अतिपिछड़ों को अलग करने के उद्देश्य से 2017 में गठित सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जी. रोहिणी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की बजाए उसके कार्यकाल को 13वीं बार बढ़ा दिया गया है। जो मोदी सरकार की अतिपिछड़ों के प्रति नियत को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। उमेश कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने ही एक कठिन लड़ाई लड़कर बिहार की न्यायिक सेवाओं में अतिपिछड़ों को आरक्षण का लाभ दिलवाया।

अति पिछड़ों के लिए विशेष व्यवस्था

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने अतिपिछड़े समाज के लिए विशेष प्रावधान किये हैं। जिससे की वो बड़ी संख्या में उद्यमी बनकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे है। इसी प्रकार बिहार के प्रत्येक पंचायत में मुख्यमंत्री परिवहन योजना के अंतर्गत 3 ई-रिक्सा देकर उनके रोजगार की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गांव-गांव तक परिवहन की सुविधा उपलब्ध करायी। आज बड़ी संख्या में अतिपिछड़े समाज के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

अति पिछड़ा समाज के छात्र छात्राओं को प्रोत्साहन

जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों में जननायक कर्पूरी छात्रावास का निर्माण भी करवाया। इसके साथ ही छात्रावासों में रहने वाले सभी छात्र-छात्राओं को 9 किलो चावल, 6 किलो गेहूं फ्री में देने के साथ ही दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 1000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। इसके अलावा सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना से भी इस वर्ग के विद्यार्थी बड़ी संख्या में लाभान्वित हो रहे हैं। पिछड़ा- अतिपिछड़ा कल्याण का जो बजट 2008-09 में 42.17 करोड़ रुपये था, वो 2022-23 में बढ़कर 18.77 अरब रुपये हो गया है।

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