[ad_1]
पटना. दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा पर निकला गंगा विलास क्रूज सोमवार शाम बिहार की राजधानी पहुंचा. मंगलवार तक सैलानियों ने पटना के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया. इस क्रूज पर स्विट्जरलैंड और जर्मनी के 32 विदेशी पर्यटक सवार हैं. पटना पहुंचने के बाद सभी पर्यटक शहर घूमने के लिए निकले. सबसे पहले सभी पर्यटक पटना सिटी के गुरुद्वारा पहुंचे, जहां ढोल नगाड़ों के साथ सभी का स्वागत हुआ. इसके बाद गोलघर पहुंचे सभी पर्यटकों का जोरदार स्वागत हुआ. इस यात्रा के चलते गोलघर चर्चा में आ गया.
गोलघर पहुंचे पर्यटक अपने हाथों से तिरंगा लिये खुश दिखाई दे रहे थे. गोलघर को ध्यान से देखकर इसके इतिहास को पर्यटकों ने समझा. गोलघर के अंदर सभी ने उस जगह को भी देखा जहां अनाज का भंडारण हुआ करता था. पर्यटकों के लिए यह गोलघर किसी सुखद आश्चर्य से कम नहीं था.
अंग्रेजों ने गोलघर का निर्माण अनाज के भंडारण के लिए कराया था. समय के साथ गोलघर पटना की पहचान बन गया. पटना आने वाला हर शख्स सबसे पहले गोलघर को देखने की चाहत रखता है. गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स को 20 जनवरी 1784 को खाद्यान्न के एक कारोबारी जेपी ऑरियल ने एक बड़ा अन्न भंडार बनाने की सलाह दी थी और इसीलिए गोलघर का निर्माण करवाया गया. बता दें कि 236 साल पुराने इस गोलघर का निर्माण राजधानी पटना के गांधी मैदान के पास 20 जुलाई 1786 को हुआ था. महज ढाई साल में ही बने गोलघर का आकार 125 मीटर और ऊंचाई 29 मीटर है. गोलघर की दीवारें 3.6 मीटर मोटी हैं. इसमें एक साथ 1,40,000 टन अनाज रखा जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
पहले प्रकाशित : 18 जनवरी, 2023, 08:18 पूर्वाह्न IST
[ad_2]
Source link