
[ad_1]
आरजेडी बोली- मंत्री जी का व्यक्तिगत बयान
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर जो कुछ भी कहा है, वह उनका व्यक्तिगत बयान है। हालांकि मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि उन्होंने किस संदर्भ में कहा, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। मृत्युंजय तिवारी ने इस दौरान बीजेपी नेताओं को भी घेरा और कहा कि ये लोग राम भक्त का सर्टिफिकेट नहीं बांट सकते।
जेडीयू बोली- शिक्षा मंत्री के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि पार्टी शिक्षा मंत्री के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है। ना ही पार्टी उनके बयान का समर्थन करती है। माधव आनंद ने कहा कि किसी भी नेता या मंत्री को धर्मग्रंथ के बारे में आपत्तिजनक बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि शिक्षा मंत्री को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
वहीं, जब माधव आनंद से पूछा गया कि नीतीश कुमार कुछ पता क्यों नहीं रहता है, इस पर उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री यात्रा पर हैं। संभव है कि शिक्षा मंत्री का बयान उनके संज्ञान में न आया हो। दरअसल, गुरुवार को नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत दरभंगा में थे। यहां पर पत्रकारों ने शिक्षा मंत्री के बयान पर सवाल किया तो, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जानकारी नहीं है। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह जरूर कहा कि शिक्षा मंत्री से बात करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा था
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रामचरितमानस की एक चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है। उन्होंने समारोह से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह ग्रंथ अलग-अलग युग में नफरत फैलाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस और तीसरे युग में गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स ने नफरत फैलाने में अपनी भूमिका निभाई है। ये देश को, समाज को नफरत में बांटती है। नफरत देश को महान नहीं बनाती है जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत ही बनाएगा।
[ad_2]
Source link