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कोहरे में गुजरती ट्रेन
– फोटो : अमर उजाला
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कुहासे के कारण अभी यात्राएं सुरक्षित नहीं। हादसे के लिहाज से भी और भटकने की आशंका से भी। बिहार में भीषण कोहरा है। कम विजिबलिटी में लैंडिंग और टेकऑफ के पटना एयरपोर्ट प्रशासन के दावे कुल्फी की तरह जम गए हैं। इसी तरह, कोहरे में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाकर ट्रेनें दौड़ाने का रेल मंत्रालय का दावा हवा में उड़ गया है। पटना में मंगलवार रात 12 चक्कर लगाकर भी स्पाइसजेट को उतरने लायक विजिबलिटी नहीं मिली। 175 पैसेंजर पटना की जगह रात में कोलकाता उतरे और बेंगलुरू जाने के लिए शाम से इंतजार कर रहे 170 पैसेंजर रात 11 बजे घर या होटल जाने को विवश हुए। ट्रेनों का भी यही हाल है। कैंसिल भी हो रहीं और 15-15 घंटे लेट भी चल रहीं।
पटना एयरपोर्ट पर फिर हुआ हंगामा, इस बार ज्यादा
पटना एयरपोर्ट पर विमानों के नहीं उतरने पर इस मौसम में हंगामा होता रहता है, लेकिन मंगलवार की रात ज्यादा हो गया। स्पाइस जेट की SG-768 से बेंगलुरु जाने के लिए शाम से यात्री पहुंच रहे थे। सारी प्रक्रिया कर 170 यात्री फ्लाइट के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन पता चला कि 30 मिनट में पटना के आसमान में 12 चक्कर लगाकर फ्लाइट कोलकाता डायवर्ट कर दी गई। इनके अलावा भीषण ठंड में पटना उतरने वाले 175 यात्रियों में से करीब 100 के परिजन भी पहुंचे हुए थे। जब फ्लाइट नहीं उतरी तो हंगामा शुरू हो गया। स्पाइस जेट के साथ सीआरपीएफ को भी मोर्चा संभालना पड़ा।
फ्लाइट के हाल की यह जानकारी आपके काम की है
रात की इस फ्लाइट की तरह ही स्पाइस जेट की दिल्ली की फ्लाइट SG-8721 मंगलवार को सुबह सबसे पहले रद्द हुई थी। रात में सबसे आखिरी फ्लाइट दिल्ली वाली इंडिगो की 6E-6383 को मिलाकर कुल छह जोड़ी फ्लाइट रद्द रही। पटना एयरपोर्ट में रात में यह दिक्कत रही तो दरभंगा में दोपहर तक। इसी कारण बेंगलुरु-दरभंगा की स्पाइस जेट फ्लाइट SG-495 दरभंगा की हालत देखकर बेंगलुरु से सुबह 8:10 की जगह सवा 11 बजे चली भी तो उसे वहां उतारा नहीं जा सका। पटना में ढाई बजे उतरी और यहां से यात्रियों को बस के जरिए दरभंगा भेजा गया। उधर दरभंगा से बेंगलुरू जाने वाले यात्री इंतजार ही करते रह गए।
ट्रेन परिचालन की हकीकत भी जान ही लीजिए
बिहार में पटना हो या पूर्णिया या फिर भागलपुर या कटिहार…कोहरे का कहर हर तरफ है। बीच में कहीं कम तो कहीं ज्यादा। सड़कों पर हादसे हो रहे हैं, ट्रेन किस्मत से बच रही है। लेकिन, ट्रेन पकड़ने के लिए जाने वाले कोहरे के कारण जान गंवा रहे हैं। इसलिए, अभी यात्राओं को वैसे भी टालना चाहिए। कोहरे के कारण वीआईपी तेजस राजधानी मंगलवार को सुबह की जगह रात में पहुंची और मंगलवार की शाम की जगह पटना से बुधवार को सुबह नई दिल्ली के लिए रवाना हुई। संपूर्ण क्रांति जैसी ऑन टाइम ट्रेन साढ़े 14 घंटे लेट रही, हालांकि देरी के लिए मशहूर हो चुकी मगध एक्सप्रेस अपने नीयत समय से साढ़े 9 घंटे ही विलंबित रही। राजधानी या तेजस के यात्रियों को तो किसी तरह खाने का इंतजाम हो भी गया, लेकिन बाकी विलंबित ट्रेनों में बच्चे-बुजुर्ग ज्यादा परेशान रहे। मंगलवार को कुल 19 ट्रेनें लेट रहीं। जिन ट्रेनों के अतिरिक्त रेक (समानांतर ट्रेन) उपलब्ध थे, पटना से समय पर खोली गई। हालांकि, यहां से खुलते ही उन्हें कोहरे के कारण धीमी रफ्तार से चलना पड़ा।
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