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देवेंद्र कश्यप | नवभारतटाइम्स.कॉम | अपडेट किया गया: 6 जनवरी 2023, शाम 5:49 बजे
Muzaffarpur Neelu Story: कामयाबी किसी के पहचान की मोहताज नहीं होती.. हो अगर खुद में हौसला तो मंजिल पाने की चाहत नाकाम नहीं होती। मुजफ्फरपुर जिले के सरैया परखंड के एक छोटे से गांव इब्राहिमपुर की बेटी नीलू ने इस कहावत चरितार्थ कर दिया है। मुजफ्फरपुर की नीलू एक ऐसी बेटी है जिसके सिर पर पिता का साया नहीं है। जिसके पास खाने पीने के पैसे नहीं थे, तो गर्म पानी पीकर गांव के खेतों में अभ्यास किया। ना ही कोई बड़े कोच और ना कोई बड़ी कोचिंग की मदद मिली। खिलाड़ी बनने के तमाम शर्त और सुविधाओं को झुठलाकर नीलू राष्ट्रीय स्तर की रग्बी खिलाड़ी बन गई। उसने बताया कि अब तक कई सम्मान और अवार्ड अपने नाम किया। 155 मेडल आज उसके छोटे से घर मे उसकी बड़ी कामयाबी की कहानी बयां करती है। मगर संसाधन का अभाव अब इस राष्ट्रीय खिलाड़ी की प्रतिभा और हिम्मत के आड़े आ रही है।
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