Home Muzaffarpur मदद करो सरकार! प्रतिभा अपार, पर आर्थिक तंगी से लाचार; मुजफ्फरपुर की नीलू नेशनल लेवल पर रग्बी में लहरा चुकी परचम

मदद करो सरकार! प्रतिभा अपार, पर आर्थिक तंगी से लाचार; मुजफ्फरपुर की नीलू नेशनल लेवल पर रग्बी में लहरा चुकी परचम

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मदद करो सरकार! प्रतिभा अपार, पर आर्थिक तंगी से लाचार; मुजफ्फरपुर की नीलू नेशनल लेवल पर रग्बी में लहरा चुकी परचम

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द्वारा संपादित देवेन्द्र कश्यप | लिपि | अपडेट किया गया: 6 जनवरी 2023, शाम 5:27 बजे

Muzaffarpur Neelu Story: कामयाबी किसी के पहचान की मोहताज नहीं होती.. हो अगर खुद में हौसला तो मंजिल पाने की चाहत नाकाम नहीं होती। मुजफ्फरपुर जिले के सरैया परखंड के एक छोटे से गांव इब्राहिमपुर की बेटी नीलू ने इस कहावत चरितार्थ कर दिया है।

रग्बी में राष्ट्रीय स्तर पर जीती मुजफ्फरपुर नीलू ने बिहार सरकार से मदद की गुहार लगाई है
मदद करो सरकार! प्रतिभा अपार, पर आर्थिक तंगी से लाचार; मुजफ्फरपुर की नीलू नेशनल लेवल पर रग्बी में लहरा चुकी परचम
मुजफ्फरपुर: नीलू एक ऐसी बेटी है जिसके सिर पर पिता का साया नहीं है। जिसके पास खाने पीने के पैसे नहीं थे, तो गर्म पानी पीकर गांव के खेतों में अभ्यास किया। ना ही कोई बड़े कोच और ना कोई बड़ी कोचिंग की मदद मिली। खिलाड़ी बनने के तमाम शर्त और सुविधाओं को झुठलाकर नीलू राष्ट्रीय स्तर की रग्बी खिलाड़ी बन गई।

कामयाबी की कहानी बयां कर रही 155 मेडल

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उसने बताया कि अब तक कई सम्मान और अवार्ड अपने नाम किया। 155 मेडल आज उसके छोटे से घर मे उसकी बड़ी कामयाबी की कहानी बयां करती है। मगर संसाधन का अभाव अब इस राष्ट्रीय खिलाड़ी की प्रतिभा और हिम्मत के आड़े आ रही है।

5 भाई-बहन में चौथे नंबर पर हैं नीलू

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मुजफ्फरपुर जिले के सरैया ब्लॉक के इब्राहिमपुर गांव के किसान स्वर्गिय मकेश्वर तिवारी की बेटी नीलू तीन बहनों और दो भाइयों में चौथे नंबर पर है। नीलू का कहना है कि बीते कुछ वर्षों से उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। आर्थिक तंगी के कारण वह चंडीगढ़ रग्बी फुटबॉल टूर्नामेंट 2019 और चेन्नई के राष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल नहीं हो पाई। आर्थिक तंगी के कारण वो सही से डाइट नहीं ले पा रही है, जिस कारण वह कमजोरी भी होती जा रही है।

गांव वाले उसका मजाक उड़ाते थे

20 वर्षीय नीलू का कहना है कि अभी वो पार्ट वन की छात्रा है। साथ ही खेल की तैयारी भी करती है। उसने बताया कि स्कूल के दिनों से ही उसे खेल में रुचि होने लगी। लेकिन गांव वाले उसका मजाक उड़ाया करते थे। लेकिन इससे वो हतोत्साहित नहीं हुई। अपने मनोबल को बढ़ाई और खेल का अभ्यास करती रही.उनकी मां हमेशा उसका साथ देती रही।

रग्बी फुटबॉल में मिल चुका है अवार्ड

नीलू ने बताया कि दो बार रग्बी फुटबॉल में अवार्ड मिल चुका है। कई बार दौड़ प्रतियोगिता में भी अवार्ड जीती है। रग्बी में ओड़िसा में दूसरा स्थान और मदुरई में तीसरा स्थान मिला। जिसके बाद बिहार सरकार ने 11 हजार का खेल सम्मान दिया।

कर रही हूं जैसे-तैसे तैयारी

उसने बताया कि वर्तमान में आर्थिक तंगी के कारण सही से खान पान नहीं हो रहा है। कोच नहीं होने के कारण सही मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। खुद से जैसे-तैसे तैयारी कर रही हूं।

कमजोर होती जा रही नीलू

आर्थिक तंगी के कारण वह चंडीगढ़ रग्बी फुटबॉल टूर्नामेंट 2019 और चेन्नई के राष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल नहीं हो पाई। आर्थिक तंगी के कारण वो सही से डाइट नहीं ले पा रही है, जिस कारण वह कमजोरी भी होती जा रही है।

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