Home Bihar नीतीश राज में अफसरों का ‘बचत’ फॉर्मूला: बेगूसराय में मजदूर नहीं बुलाए, 20-20 रुपये में बच्चों से काम कराया

नीतीश राज में अफसरों का ‘बचत’ फॉर्मूला: बेगूसराय में मजदूर नहीं बुलाए, 20-20 रुपये में बच्चों से काम कराया

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नीतीश राज में अफसरों का ‘बचत’ फॉर्मूला: बेगूसराय में मजदूर नहीं बुलाए, 20-20 रुपये में बच्चों से काम कराया

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बिहार में बाल श्रम केस की आई तस्वीरें

बिहार में बाल श्रम केस की आई तस्वीरें
– फोटो : अमर उजाला

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सरकारी धन पॉकेट में कैसे जाता है या सरकार के अफसर कैसे पैसा बचाना चाहते हैं…इसके लिए बिहार के अफसरों का एक वायरल वीडियो देखना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाल मजदूरी रोकने के लिए अभियान की बात करते हैं और उनके अफसर सरकारी काम के लिए मजदूर रखने की जगह 20-20 रुपये का लालच देकर बच्चों से काम कराते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला बेगूसराय के तेघड़ा प्रखंड कार्यालय के कृषि कार्यालय से सामने आया है। महज कुछ रुपयों का लालच देकर सरकारी मुलाजिमों के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है। तस्वीरें सामने आने के बाद अब सरकार की नीति एवं नीयत पर भी सवाल उठने लगे हैं।

वायरल विडियो में अफसर दे रहे निर्देश
ये है तेघड़ा अनुमंडल कार्यालय परिसर में अवस्थित प्रखंड कृषि कार्यालय के वीडियो में दिख रहा है कि पढ़ाई की उम्र में छोटे-छोटे बच्चों के सिर पर मजदूरी का भार दे दिया गया है और वह भी तब जब मौके पर वरीय पदाधिकारी मौजूद हैं। पदाधिकारियों के द्वारा ही बच्चों को निर्देशित भी किया जा रहा है। दरअसल तेघड़ा प्रखंड कृषि कार्यालय में किसानों के लिए ट्रक पर कुछ सामान आया था। मजदूरी बचाने के लिए पदाधिकारियों ने महज बीस बीस रुपये का लालच देकर कई छोटे बच्चों को इकट्ठा किया गया और उनसे ही मजदूरी करवाने लगे।

डीएम ने दिए जांच के आदेश
सरकारी मुलाजिमों की करतूत सामने आने के बाद अब राजनीतिक दल के साथ-साथ आम लोग भी सवाल खड़े कर रहे हैं। स्थानीय समाजसेवी रवींद्र कुमार ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। मजदूरी तो कागज पर दिखाते ही होंगे और भुगतान भी लेते ही होंगे। लेकिन, उससे भी बड़ा अपराध है बच्चों से काम कराना। इधर, वीडियो के आधार पर डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि जांच के बाद जो भी पदाधिकारी या कर्मी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा को जांच के आदेश दिए गए हैं।

विस्तार

सरकारी धन पॉकेट में कैसे जाता है या सरकार के अफसर कैसे पैसा बचाना चाहते हैं…इसके लिए बिहार के अफसरों का एक वायरल वीडियो देखना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाल मजदूरी रोकने के लिए अभियान की बात करते हैं और उनके अफसर सरकारी काम के लिए मजदूर रखने की जगह 20-20 रुपये का लालच देकर बच्चों से काम कराते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला बेगूसराय के तेघड़ा प्रखंड कार्यालय के कृषि कार्यालय से सामने आया है। महज कुछ रुपयों का लालच देकर सरकारी मुलाजिमों के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है। तस्वीरें सामने आने के बाद अब सरकार की नीति एवं नीयत पर भी सवाल उठने लगे हैं।

वायरल विडियो में अफसर दे रहे निर्देश

ये है तेघड़ा अनुमंडल कार्यालय परिसर में अवस्थित प्रखंड कृषि कार्यालय के वीडियो में दिख रहा है कि पढ़ाई की उम्र में छोटे-छोटे बच्चों के सिर पर मजदूरी का भार दे दिया गया है और वह भी तब जब मौके पर वरीय पदाधिकारी मौजूद हैं। पदाधिकारियों के द्वारा ही बच्चों को निर्देशित भी किया जा रहा है। दरअसल तेघड़ा प्रखंड कृषि कार्यालय में किसानों के लिए ट्रक पर कुछ सामान आया था। मजदूरी बचाने के लिए पदाधिकारियों ने महज बीस बीस रुपये का लालच देकर कई छोटे बच्चों को इकट्ठा किया गया और उनसे ही मजदूरी करवाने लगे।

डीएम ने दिए जांच के आदेश

सरकारी मुलाजिमों की करतूत सामने आने के बाद अब राजनीतिक दल के साथ-साथ आम लोग भी सवाल खड़े कर रहे हैं। स्थानीय समाजसेवी रवींद्र कुमार ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। मजदूरी तो कागज पर दिखाते ही होंगे और भुगतान भी लेते ही होंगे। लेकिन, उससे भी बड़ा अपराध है बच्चों से काम कराना। इधर, वीडियो के आधार पर डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि जांच के बाद जो भी पदाधिकारी या कर्मी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा को जांच के आदेश दिए गए हैं।



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