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शहर की सरकार के लिए सियासत
उधर, जेडीयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह ने एक उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया है। वहीं कई उम्मीदवार सीधे जनता से अपील कर रहे हैं कि हमें समर्थन करें। शहर के विकास के लिए लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं। शहर के कुछ नेता खुद के किंग मेकर होने का दावा भी करने लगे हैं, लेकिन जनता का मूड कुछ दूसरा दिख रहा है। नगर विधायक विजेंद्र चौधरी की ओर से राकेश कुमार पिंटू के समर्थन में वोट की अपील की जा रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि किंग मेकर का भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक को जनता सबक सिखाती है या पूर्व की तरह अपना वर्चस्व बनाए रखने में कामयाब होते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
किंग मेकर कौन?
आपको बता दें कि 2017 में सुरेश कुमार को महापौर बनाने का श्रेय जेडीयू के एमएलसी दिनेश सिंह को मिला और वर्तमान विधायक विजेंद्र चौधरी बाहर हो गए थे। वर्तमान विधायक विजेंद्र चौधरी राकेश कुमार पिंटू को लेकर साथ में घूम रहे हैं। विजेंद्र चौधरी ने 2002 में समीर कुमार को मेयर बनाया 2007 में विमला देवी तुलस्यान को। उन्होंने 2012 में वर्षा सिंह को समर्थन कर उन्हें मेयर बनाया। हालांकि विजेंद्र चौधरी 2017 से 2022 के बीच किंग मेकर की भूमिका में नहीं रहे।
मेयर चुनाव दिलचस्प
कहा जा रहा है कि विजेंद्र चौधरी एक बार फिर सक्रिय हुए हैं। 2022 के चुनाव में किंग मेकर के रूप में अपनी भूमिका मजबूत करने में लगे हैं। लोगों से अपील कर रहे हैं कि शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए राकेश कुमार पिंटू को वोट करें। हालांकि, ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार किंग मेकर की भूमिका में कौन होते हैं? बीजेपी के सुरेश शर्मा और विजेंद्र चौधरी पर लोगों की निगाहें टीकी हुई हैं। वहीं स्थानीय जानकारों की मानें, तो मुजफ्फरपुर शहर सिर्फ वादों के भरोसे अभी तक चल रहा है। किसी मेयर ने शहर के जलजमाव और गंदगी से मुक्ति नहीं दिलाई। शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल करने के लिए कई परियोजना चल रही है, लेकिन उस पर भी किया का ध्यान नहीं है। इस बार जनता अपने विवेक से वोटिंग करेंगी किसी किंग मेकर के कहने से नहीं।
रिपोर्ट- कुमार रघुनाथ
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