Home Bihar सिर्फ ‘तमंचे’ ही नहीं इस एक चीज के लिए भी मशहूर है मुंगेर, लाइन लगाकर खड़े रहते है खरीदार

सिर्फ ‘तमंचे’ ही नहीं इस एक चीज के लिए भी मशहूर है मुंगेर, लाइन लगाकर खड़े रहते है खरीदार

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सिर्फ ‘तमंचे’ ही नहीं इस एक चीज के लिए भी मशहूर है मुंगेर, लाइन लगाकर खड़े रहते है खरीदार

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रिपोर्ट: सिद्धांत राज

मुंगेर:   बिहार के मुंगेर का नाम सुनते ही यदि आपके जहन में सिर्फ तमंचे और कट्टे आते है तो यह सही नहीं है. यहां की एक और ऐसी चीज है जिसे खरीदने के लिए लोग लाइन लगाकर खड़े रहते है. हालांकि इसका किसी भी हथियार से कोई संबंध नहीं है बल्कि इसका संबंध स्वाद है. बात हो रही है यहां के रसगुल्लों की. वो भी मुंगेर के मशहूर जालो साह के इलायची वाले रसगुल्ले जो लोग एक बार यहां रसगुल्ला खा लेते हैं वो फिर इसके मुरीद हो जाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि तीन दशक के इसका स्वाद एक जैसा है. यही वजह है कि ना सिर्फ मुंगेरवासी बल्कि 10 जिलों के लोग इसका स्वाद चखने पहुंचते रहते है.

खास बात, फलाहार में खा सकते हैं यह रसगुल्ला:

दुकान के मालिक गोपाल प्रसाद साह ने बताया कि हमारे यहां का रसगुल्ला गाय के दूध से बनता है. और इसमें हम सिर्फ इलाइंची का प्रयोग करते हैं. आगे उन्होंने बताया कि हमारे दुकान का रसगुल्ला पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. इस रसगुल्ला को किसी भी तरह के पूजा-पाठ और उपवास-व्रत में फलाहार (खाने) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं.

मुंगेर के जालो साह के रसगुल्ले का जवाब नहीं

बिहार के मुंगेर के तारापुर में है स्थित रसगुल्ले की दुकान तीन पीढ़ियों से चलती आ रही है. इस दुकान की खास बात यह है कि दुकान के मलिक की तीन पीढ़ियां बदल गयी लेकिन रसगुल्ले का स्वाद आज भी वही जो कई दशक पहले होती थी.

12 रुपये प्रति पीस है दाम, है स्पंजी

मुंगेर के तारापुर बाजार में जालो साह मिष्टान्न भंडार है. जहां आज भी रसगुल्ला 12 रुपये पीस में बेचा जाता है और रसगुल्ले की साइज काफी बड़ी, बिल्कुल मुलायम और स्वाद का जवाब ही नही. यदि आप इस रसगुल्ले को अपने मुट्ठी में लेकर जोड़ से दबा देंगे और मुट्ठी खोलेंगे तो रसगुल्ला बिल्कुल फिर उतना ही बड़ा हो जाएगा. खास बात यह कि यह टूटेगा नहीं.

बिहार का 10 जिले से ज्यादा के लोग पहुंचते हैं यहां

इस दुकान से आस पास के 10 ज़िले से ज्यादा जगह के लोग उस दुकान पर खाने आते हैं रसगुल्ला. पूरे दिन इस दुकान में बड़ी संख्या में ग्राहक पहुंचते हैं. खासकर त्योहार के समय मे रसगुल्ले की खरीदारी को लेकर इस दुकान पर नंबर लगा रहता है. पूरे दिन बड़ी संख्या में लोग रसगुल्ले की खरीदारी करते हैं.

इलायची और बेकिंग सोडा का होता है प्रयोग

कारीगर भिखारी चौधरी और कन्हैया कुमार साह ने बताया कि हम इस दुकान में लगभग 15-20 वर्ष से काम कर रहे हैं. हमारे यहां रसगुल्ला गाय के दूध में बनते हैं. इसमें थोड़ी मात्रा में इलायची और बेकिंग सोडा का प्रयोग करते हैं, और कुछ नहीं. यह रसगुल्ला पूरी तरह से शुद्ध और फलाहार है.

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