Home Bihar नीतीश कुमार 71 की उम्र में क्यों बोल रहे ‘तू-तड़ाक’ की भाषा, उपेंद्र कुशवाहा तक शराबबंदी को बता चुके हैं फेल

नीतीश कुमार 71 की उम्र में क्यों बोल रहे ‘तू-तड़ाक’ की भाषा, उपेंद्र कुशवाहा तक शराबबंदी को बता चुके हैं फेल

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नीतीश कुमार 71 की उम्र में क्यों बोल रहे ‘तू-तड़ाक’ की भाषा, उपेंद्र कुशवाहा तक शराबबंदी को बता चुके हैं फेल

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नीलकमल, पटना: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में लगातार शराब की खरीद बिक्री जारी है। यह हम नहीं बल्कि, सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद भारी मात्रा में शराब की खेप बिहार पहुंचाई जा रही है। 6 साल पहले पूर्ण शराबबंदी की घोषणा होने के बाद से ही बिहार में लाखों लीटर विदेशी शराब और लाखों लीटर देसी शराब पकड़ी गई है। शराब पीने के आरोप में 6 लाख से ज्यादा लोगों को जेल में बंद किया जा चुका है। बावजूद इसके 6 साल में जहरीली शराब पीने की वजह से बिहार में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को छपरा में जहरीली शराब पीने से हुए 9 लोगों की मौत के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ चुका है।

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बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में दूसरे दिन सदन के अंदर 71 वर्षीय नीतीश कुमार का गुस्सा अपने चरम पर था। दरअसल नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब से हुए मौत का मामला उठाते हुए पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की थी। बीजेपी की ओर से की गई इस मांग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क उठे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को कहा कि तुम लोग गंदा काम कर रहे हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तुम लोग कहां पहुंच गए हो। तुम लोग बर्बाद हो जाओगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी वाले राज्य में जो लोग शराब पीकर मर रहे हैं तुम उसको मुआवजा देने की मांग कर रहे हो, यह बहुत गंदा काम कर रहे हो। सदन के अंदर नीतीश कुमार के इस गुस्से को देखकर बीजेपी के नेताओं द्वारा भी खूब शोर शराबा मचाया गया।
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शराबबंदी का सभी दलों ने किया था समर्थन : नीतीश कुमार

छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत का मामला उठने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैंने शराबबंदी की घोषणा की थी तब सभी दलों है इसका समर्थन किया था। आज बीजेपी शराबबंदी की समीक्षा करने की बात कह कर इसका विरोध कर रही है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल, शराबबंदी की समीक्षा की बात कई बार कह चुके हैं। आपको यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेसी विधायक अजीत शर्मा को निशाने पर रखते हुए यह भी कह चुके हैं कि कांग्रेस के सदस्यता पर्ची में ही शराब ना पीने की बात लिखी हुई है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल जब विपक्ष में थी तब तेजस्वी यादव ने भी बिहार में शराबबंदी को फेल बताया था। तेजस्वी यादव ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार की पुलिस के संरक्षण में शराब माफिया शराब की होम डिलीवरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी यह बोलकर चौका दिया था कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर लगातार निशाने पर रहने के बावजूद यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार में वह शराबबंदी खत्म नहीं करेंगे। बुधवार को सदन में बीजेपी के सदस्यों पर बरसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अब तो और भी ज्यादा कड़ाई से शराबबंदी कानून को लागू करवाएंगे।
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बिहार में ‘रूल ऑफ लॉ’ है कहां : सम्राट चौधरी

छपरा में जहरीली शराब से हुए मौत का मामला विधान परिषद में भी उठाया गया। विधान परिषद में भी इस मामले को उठाए जाने के बाद सत्ता और विपक्ष के सदस्यों के बीच खूब ‘तू तू मैं मैं’ देखने को मिला। सदन से बाहर निकलने के बाद बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता और बिहार सरकार में पंचायती राज मंत्री रह चुके सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में ‘रूल ऑफ लॉ’ है ही नहीं। उन्होंने कहा कि बीजेपी शराब बंदी के पक्ष में है लेकिन उस तरह से नहीं जिस तरह से नीतीश कुमार चाहते हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी जब से सरकार से अलग हुई है तभी से पुलिस प्रशासन अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में अपराध चरम पर है और पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ चुका है कि थाने में घुसकर अपराधियों को छुड़ा ले जाते हैं। सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि बिहार में अवैध शराब का कारोबार करने वाले ज्यादातर आरजेडी के लोग हैं। अब राष्ट्रीय जनता दल सत्ता में है लिहाजा शराब माफिया खुलकर शराबबंदी की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं और प्रशासन के साथ पुलिस भी उनपर कार्रवाई करने से बच रही है। क्योंकि शराब माफियाओं को सत्ता संरक्षण हासिल है।

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