Home Bihar सोनपुर मेले में कवयित्री अनामिका जैन क्यों हुई आहत, कविता पाठ करने से रोकने पर मचा सियासी बवाल

सोनपुर मेले में कवयित्री अनामिका जैन क्यों हुई आहत, कविता पाठ करने से रोकने पर मचा सियासी बवाल

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सोनपुर मेले में कवयित्री अनामिका जैन क्यों हुई आहत, कविता पाठ करने से रोकने पर मचा सियासी बवाल

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पटना : बिहार में सोनपुर मेला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी झूला टूटने की वजह से, तो कभी मेले में आए थियेटर ग्रुप की कम संख्या को लेकर। ताजा विवाद कवि सम्मेलन में चर्चित कवयित्री डॉ. अनामिका अंबर जैन को काव्यपाठ से रोक दिया गया। इसे लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है। पहले तो कवियों ने सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद बात राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई और कवियों के साथ सियासी हस्तियों ने घटना को ट्वीट कर बिहार सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय के अलावा यूपी बीजेपी के स्टेट सेक्रेटरी ने ट्वीट कर घटना पर अफसोस जताया है।

बीजेपी नेता ने किया ट्वीट
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस वाकये का जिक्र करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि कल सोनपुर मेले के मंच पर कवियत्री अनामिका जैन को इसलिए नहीं जाने दिया क्योंकि इन्होंने मोदी जी और योगी जी के समर्थन में कविताएं पढ़ी थी। बिहार प्रशासन ने ऐसा सरकार के कहने पर किया। विचारधारा को लेकर कवियों साहित्यकारों पर नियंत्रण के लिए ऐसा व्यवहार पूरे देश में कहीं नहीं दिखता। अमित मालवीय के ट्वीट को लोग लाइक करते हुए बिहार सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

यूपी बीजेपी नेता नाराज
वहीं, यूपी बीजेपी स्टेट सेक्रेटरी डॉ. चंद्रमोहन ने ट्वीट कर लिखा है कि बिहार के सोनपुर मेले में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आज अन्य कवियों के साथ अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री @anamikamberजी का भी काव्य पाठ था। लेकिन, ऐन वक्त पर बिहार प्रशासन ने आदेश जारी कर के डॉ. अनामिका जी के काव्यपाठ पर रोक लगा दी। बीजेपी नेता के ट्वीट पर भी लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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पर्यटन विभाग के मंच पर हुई घटना
आपको बता दें कि सोनपुर मेला के पर्यटन विभाग के पंडाल में स्थित कला मंच पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मंच पर पहले कविता पाठ होता, उससे पहले बवाल शुरू हो गया। स्थानीय प्रशासन ने आयोजक की भूमिका निभाते हुए आगे आया और कह दिया कि अनामिक जैन काव्यपाठ नहीं करेंगी। उसके बाद विवाद बढ़ा और अन्य कवियों ने इसे अपमान बताकर खुद को इस कवि सम्मेलन से अलग कर लिया। सम्मेलन का बहिष्कार करते ही, पूरे देश के सोशल मीडिया पर बिहार सरकार की मलामत होने लगी।

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काव्यपाठ से रोका गया
मेला प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक काव्यपाठ शुरू होने ही वाला था। इसी दौरान मंच पर किसी ने जाकर एंकर के कान में कुछ कहा। बताया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन की ओर से एंकर को कहा गया कि कवि सम्मेलन में आये हुए बाकी कवियों को छोड़कर अनामिका जैन काव्य पाठ नहीं करेंगी। उसके बाद मंच पर एंकर की ओर से खेद व्यक्त करने का सिलसिला शुरू हुआ। बाद में जब विवाद बढ़ गया, तो स्थानीय प्रशासन ने कवियों को उनका मानदेय देकर वहां से विदा किया।

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मामले ने पकड़ा सियासी तूल
इस घटना से आहत कवि अनामिका जैन ने इसे अपना अपमान बताया है। उन्होंने साहित्य शिरोमणि और राष्ट्रकवि दिनकर की धरती से लौटने की घटना को अपमान करार दिया है। उन्होंने बिहार को ज्ञान की धरती बताते हुए कहा कि बड़ी शिद्दत के साथ, तैयारी के साथ वो पटना पहुंची थीं, लेकिन उनका काव्यपाठ नहीं हुआ। घटना के बाद सभी कवियों ने काव्यपाठ से मना कर दिया। अब ये मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है।

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