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पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण के लिए यदि नीतीश कुमार पहल करते हैं, तो बीजेपी उनका सहयोग करेगी। सुशील मोदी ने कहा कि सीतामढ़ी को अयोध्या की तरह विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोई सरकार या राजनीतिक पार्टी किसी धर्मस्थल का निर्माण नहीं कराती, लेकिन इसके लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में वैसे ही सहयोग कर सकती है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए किया। इससे वहां पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर भी सृजित हुए।
जो लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, वे अब सीता के नाम पर राजनीति करने पर उतरे
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, वहां मस्जिद या अस्पताल बनाने का ‘ज्ञान’ दे रहे थे और तंज कस रहे थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे। वे लोग आज माता सीताजी के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का शिलान्यास कर देश की सांस्कृतिक आकांक्षा पूरी की और तारीख पूछने वालों का मुंह बंद कर दिया। सुशील मोदी ने कहा कि देश के संतों-धर्माचार्यों के लंबे संघर्षं बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, तब सभी धर्मों के लोगों ने शांति के साथ इसे स्वीकार किया था।
नीतीश के मंत्री क्यों विवाद पैदा करना चाहते हैं : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां पहले श्रीराम का मंदिर था, यह बात जब पुरातात्विक प्रमाणों से अदालत में सिद्ध की जा चुकी है, तब बिहार सरकार के एक मंत्री उसे सीता-मंदिर नाम देने की बात कर नया विवाद क्यों पैदा करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं के हैं, बीजेपी या किसी राजनीतिक दल का नहीं, लेकिन महागठबंधन सरकार के मंत्री इस पर राजनीति कर रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि श्रीराम, देवी सीता और रामायण संस्कृति का सम्मान करना केवल बीजेपी का दायित्व नहीं है, लेकिन महागठबंधन सरकार के मंत्री के बयान से लगता है कि सीता-राम से JDU और महागठबंधन सरकार का कोई वास्ता नहीं है।
नीतीश कुमार के मंत्री विजेंद्र यादव ने मंदिर को लेकर क्या कहा है
JDU नेता और महागठबंधन सरकार में योजना एवं विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर माता सीता की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने भगवान राम के नाम पर तो वोट बटोर लिया लेकिन बीजेपी को यह पता है कि माता सीता के नाम पर उन्हें वोट नहीं मिलेगा। लिहाजा वो माता सीता को याद नहीं करते। मंत्री विजेंद्र यादव ने यह भी कहा कि माता सीता का स्थान भगवान श्रीराम से ऊपर है, लेकिन केंद्र सरकार सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अयोध्या प्रेम में इस कदर डूब गई है कि वह माता जानकी को भी भूल गई। नरेंद्र मोदी की सरकार जिस प्रकार की कृपा अयोध्या के राम मंदिर बनवाने में बरसा रही है, वैसा सीतामढ़ी में क्यों नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि बिहार के सीतामढ़ी को राष्ट्रीय धार्मिक मानचित्र पर जगह मिले। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि सीतामढ़ी में अयोध्या की तरह भव्य मंदिर का निर्माण कराएं और अयोध्या की तरह ही विकसित करें।
2018 में ही नीतीश कुमार ने किया था भव्य माता जानकी मंदिर बनाने का ऐलान
अप्रैल 2018 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में एनडीए की सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, तब उन्होंने सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर के निर्माण का ऐलान किया था। बता दें कि उस वक्त तक अयोध्या के राम जन्मभूमि का मामला अदालत में लंबित था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भव्य मां जानकी के मंदिर के निर्माण के ऐलान के साथ यह भी कहा था कि सीतामढ़ी को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए उनकी सरकार 48 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 2018 में भव्य माता जानकी का मंदिर बनाने का ऐलान करने वाले नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि माता सीता के मंदिर का निर्माण कार्य 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री के घोषणा करने के 4 साल बीत जाने के बाद भी माता जानकी के मंदिर का निर्माण का शुरू नहीं हो सका है।
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