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घूसखोर अधिकारी गिरफ्तार
विजिलेंस की टीम ने मामले का सत्यापन किया और कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन किया। उसके बाद विजिलेंस की टीम ने 20 हजार रुपये रिश्वत लेते जिला उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी पदाधिकारी के कार्यालय से हुई। उसके बाद टीम पदाधिकारी को लेकर पटना चली गई। कार्यालय के स्टॉफ नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि हरीश कुमार बिना घूस लिए कोई काम नहीं करता था। कार्यालय आने के बाद जब तक घूस नहीं मिले, तब तक पानी पीना भी पसंद नहीं करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद बेरोजगार युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री उद्योग योजना में घूसखोरी
विजिलेंस की टीम ने बताया कि जिले के करजाडीह के रहने वाले नीतीश चंद्र रंजन ने मुख्यमंत्री उद्योग योजना अंतर्गत बाइक रिपेयरिंग सेंटर खोलने के लिए कर्ज का आवेदन दिया। नीतीश को 10 लाख रुपए का लोन मंजूर हुआ। पहली किस्त में चार लाख रुपए मिले। दूसरी किस्त के लिए हरीश कुमार ने नीतीश से रिश्वत मांगी। मान-मनौव्वल के बाद भी मामला नहीं बनने पर नीतीश चंद्र रंजन ने 17 नवंबर को पटना विजिलेंस में लिखित शिकायत की। विजिलेंस की योजना के तहत हरीश कुमार से बातचीत कर नीतीश ने 20 हजार रुपए बुधवार को देने की बात तय की।
विजिलेंस कर रही है जांच
उसके बाद विजिलेंस एडीजी ने डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में टीम बना कर भेज दी। बेला स्थित कार्यालय में नीतीश से 20 हजार रुपए रिश्वत लेते ही विजिलेंस की टीम ने हरीश कुमार को दबोच लिया। हरीश कुमार के पास से 500 रुपए के 40 नोट बरामद किए गए। निगरानी डीएसपी अरुणोदय कुमार पांडेय ने बताया कि सूचक की शिकायत के आधार पर करवाई की गई है और अब न्यायालय के समक्ष में प्रस्तुत किया जाएगा।
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