Home Bihar चचरी पुल पर टिकी जिंदगी के सफर की ‘टैक्स’ वाली कहानी, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच कटिहार के ग्रामीणों का दर्द VIDEO

चचरी पुल पर टिकी जिंदगी के सफर की ‘टैक्स’ वाली कहानी, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच कटिहार के ग्रामीणों का दर्द VIDEO

0
चचरी पुल पर टिकी जिंदगी के सफर की ‘टैक्स’ वाली कहानी, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच कटिहार के ग्रामीणों का दर्द VIDEO

[ad_1]

पटना : बिहार के सीमांचल का कटिहार जिला चारों तरफ से नदियों से घिरा है। इसके दर्जनों गांव दियारा में पड़ते हैं। वहीं कई गांव आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव का दंश झेल रहे हैं। कटिहार पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है। बिहार और बंगाल के लोग एक दूसरे प्रदेश में काम-काज और मजदूरी के लिए आते-जाते रहते हैं। जिले के कई इलाके आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं। आज हम एक कटिहार के उस इलाके की कहानी आपको बता रहे हैं, जहां जिंदगी चचरी पुल के भरोसे चलती है।

ग्रामीणों की परेशानी
ये कहानी है कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड के शिकारपुर पंचायत की। ये इलाका बिहार से बंगाल को जोड़ता है। इसी इलाके में एक नागर नदी है। जिसे वर्षों से ग्रामीण बांस-बल्ले के सहारे बने चचरी पुल से पार करते हैं। जान जोखिम में डालकर बाइक और अन्य सामानों के साथ इस चचरी पुल से गुजरते हैं। ग्रामीणों को इस पुल के लिए बकायदा टैक्स चुकाना पड़ता है। न कोई रसीद और न ही सरकार का कोई आदेश। जिसने चचरी पुल बना दिया। वहीं मालिक हो गया। अब आपको गुजरना है, तो टैक्स देना होगा।

चचरी पुल टैक्स
टैक्स की रकम 5,10 और बीस रुपये होती है। रकम तय करने का तरीका आपके साथ पुल से गुजरने वाला सामान होता है। बाइक है, तो बीस रुपये बनते हैं। सिर्फ कोई इंसान गुजरता है, तो उसे पांच से दस रुपये चुकाने होते हैं। ये उस बिहार में हो रहा है जहां बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड राज्य में सैकड़ों पुल बनाने का दावा करता है। इलाके के लोग 70 सालों से इसी चचरी पुल के भरोसे जी रहे हैं। आज तक यहां कोई पुल नहीं बनाया गया। यहां कभी भी मोरबी पुल जैसा हादसा हो सकता है।

‘हमारे गांव के युवाओं की शादी नहीं हो रही, गांव में अगुवा आते ही नहीं हैं’, वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप
पुल बनना जरूरी
रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग चचरी पुल से बिहार से बंगाल जाते हैं और बंगाल से बिहार आते हैं। स्थानीय ग्रामीण मकसूद, जाबिद अली और मंजूर आलम कहते हैं कि यहां पुल बन जाने से इलाके के लोगों की किस्मत संवर जाएगी। लोगों का रोजगार बढ़ेगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार भी लगाई। आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ। बंगाल बाजार करने जाने के लिए इसी पुल से गुजरना पड़ता है। सरकार इस ओर से बिल्कुल उदासीन है। हम लोग इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार बाइक सवार नदी में गिर जाते हैं। उनकी मौत हो जाती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता।

Living Root Bridge: 200 साल पुराना ये पुल आज भी है लोहे जैसा मजबूत! इसे देखकर विदेशी भी हो जाते हैं हैरान
सांसद ने दिया आश्वासन
मामले पर पूर्व सांसद तारीक अनवर रटा-रटाया बयान देते हैं। वे कहते हैं कि राज्य सरकार नहीं केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए। वहीं, वर्तमान सांसद दुलाल चंद गोस्वामी कहते हैं कि जिलों में पुल-पुलिया का निर्माण कार्य हो रहा है। बहुत जल्द इस नदी पर पुल बनाया जाएगा। कुल मिलाकर, नदियों से घिरे कटिहार जिले में आजादी के इतने वर्षों बाद चचरी का पुल कल्याणकारी राज्य की ओर से होने वाले विकास पर बड़ा सवाल खड़े करता है?

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here