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शराब की बोतल से बनाई जाएंगी चूड़ियां
मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग ने जीविका की महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि राज्य में आए दिन तस्करों में शराब की बड़ी खेप बरामद होती है। ऐसे में जब्त शराब को क्रश कर दिया जाता है जिससे बोतल सहित ही पूरी शराब नष्ट हो जाती है। नष्ट होने वाली शराब की बोतलों से अब बिहार की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मिलेगी हेल्प
बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग ने एक पहल शुरू की है जो बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त भी करेगा। अधिकारी बताते हैं कि शराब के साथ कांच की बोतलें भी नष्ट की जाती हैं, जिसका चूर्ण (चूरा) बचता है। अब इन्हीं टूटी बोतलों के चूर्ण से जीविका दीदी कांच की चूड़ियां बनाएंगी। अलग-अलग जिलों में क्रश किए गए शराब की बोतलों के कांचों को एक जगह इकट्ठा किया जाएगा और उससे चूड़ियां बनाई जाएंगी।
चूड़ी निर्माण की लगेगी यूनिट
फिलहाल चूड़ी निर्माण के लिए एक यूनिट की स्थापना की जाएगी, जिसमें राज्यभर से नष्ट शराब की बोतलों का चूर्ण लाया जाएगा। बाद में हालांकि मांग के अनुरूप निर्माण यूनिट की संख्या बढ़ाई जाएगी। अधिकारी ने कहा कि जीविका महिलाओं को इसके लिए उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है। अगर जरूरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश में चूड़ी निर्माण से जुड़े मजदूरों को भी बुलवाया जाएगा। बिहार में करीब छह साल से शराबबंदी है। इस दौरान बड़ी संख्या में शराब की बरामदगी भी होती है।
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