Home Bihar RJD और JDU के प्रदेश अध्यक्ष किस हैसियत से सरकारी बंगले में रहते हैं? बिहार में नेताओं के ‘डेरे’ को लेकर सियासी ड्रामा

RJD और JDU के प्रदेश अध्यक्ष किस हैसियत से सरकारी बंगले में रहते हैं? बिहार में नेताओं के ‘डेरे’ को लेकर सियासी ड्रामा

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RJD और JDU के प्रदेश अध्यक्ष किस हैसियत से सरकारी बंगले में रहते हैं? बिहार में नेताओं के ‘डेरे’ को लेकर सियासी ड्रामा

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पटना : बिहार के सियासी गलियारे में इन दिनों सरकारी बंगले पर चर्चा जारी है। महागठबंधन की सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने ऐलान कर रखा है कि पूर्व मंत्री यदि बंगला समय पर नहीं खाली करते हैं, तो तीस गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा। फिर क्या था। इस मुद्दे पर बीजेपी ने महागठबंधन सरकार को घेर लिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर महागठबंधन सरकार से बड़े सवाल पूछे। संजय जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि जेडीयू और राजद के प्रदेश अध्यक्ष किस हैसियत से सरकारी बंगले में रहते हैं।

‘ये कौन सा न्याय है’
आपको बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार जाने के बाद महागठबंधन की सरकार बनी। ऐसे में पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने पद से हटने के बाद भी आवास खाली नहीं किया। जिसको लेकर जुर्माना लगाया गया। भवन निर्माण विभाग से मिले नोटिस में तय समय तक बंगला खाली नहीं करने के बाद 30 गुना जुर्माना लगाया गया। इन दोनों के अलावे नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पर भी जुर्माना लगाया गया है। नोटिस पर बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि मुझे अक्टूबर में 3 हार्डिंग रोड पर मकान अलॉट हुआ। जब तक वो मकान खाली नहीं होगा, मैं कहां जाऊंगी। मेरे पास नोटिस आया कि हर महीना आपको 30 गुना जुर्माना देना पड़ेगा, जो 2 लाख 36 हजार रुपये है। मैं सरकार से पूछती हूं कि ये कौन सा न्याय है।

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‘सदन नहीं चलने देंगे’
प्रेस कांफ्रेंस में संजय जायसवाल ने सरकारी बंगले के अलावा और मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि जब तक पूरी व्यवस्था के साथ पूर्व मंत्रियों को आवास नहीं दिया जाता है। तक कोई कैसे बंगला खाली कर देगा। संजय जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने सरकारी संपत्ति को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बना ली है। उन्होंने कहा कि राजद और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष कहां रहते हैं? वे लोग किस नाते सरकारी बंगले में रहते हैं? संजय जायसवाल ने इस दौरान सीटीईटी और बीटीईटी अभ्यर्थियों को बीजेपी ऑफिस बुला लिया। उन्होंने कहा कि 2020 का चुनाव रोजगार के मुद्दे पर हुआ था। तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट के माध्यम से राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में बिहार में दो लाख 35 हजार सरकारी नौकरी वाले पद खाली थे। जिसमें एक लाख से ज्यादा शिक्षा विभाग में पद खाली थे।

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‘सरकार कर रही है ड्रामा’
संजय जायसवाल ने कहा कि सरकार ड्रामा कर रही है। सरकारी नौकरी का मेला लगा रही है। जिसकी ज्वाइनिंग हो गई है। उसे ज्वाइन कराया जा रहा है। नीतीश कुमार उस समय तेजस्वी का मजाक उड़ाते थे। नीतीश कुमार कहते थे कि तुम्हारे बाबूजी दस लाख नौकरी जेल से लाकर देंगे। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर से सदन के अंदर बीजेपी हंगामा करेगी। नौकरी नहीं देने का मुद्दा उठाएगी। जवाब नहीं मिलने पर सदन नहीं चलने दिया जाएगा। संजय जायसवाल ने कहा कि मैं तेजस्वी यादव से आग्रह करता हूं कि उतीर्ण शिक्षकों को नौकरी दें।

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