Home Bihar तेजस्वी का हाथ पकड़कर गड़करी से मिलवाने ले गए थे लालू यादव, ये याराना काफी पुराना है, जानें पूरी कहानी

तेजस्वी का हाथ पकड़कर गड़करी से मिलवाने ले गए थे लालू यादव, ये याराना काफी पुराना है, जानें पूरी कहानी

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तेजस्वी का हाथ पकड़कर गड़करी से मिलवाने ले गए थे लालू यादव, ये याराना काफी पुराना है, जानें पूरी कहानी

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पटना : बिहार के रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर सोन नदी पर बनने जा रहे पुल के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ बिहार के डेप्यूटी सीएम तेजस्वी यादव ने भी मंच साझा किया। तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी को अपना अभिभावक बताते हुए जमकर तारीफ की। लेकिन, क्या आपको पता है कि नितिन गड़करी तेजस्वी यादव के सियासी सफर के पहले राजनीतिक सारथी रहे हैं। हम आपको बताते हैं। राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी को सियासी ट्रेनिंग दी थी। इसी क्रम में लालू ने तेजस्वी को नितिन गडकरी से मिलवाया था।

‘ये यारी पुरानी है’
वो तारीख थी। 20 अप्रैल 2016, जब लालू यादव तेजस्वी को लेकर दिल्ली पहुंचे थे। लालू ने तेजस्वी को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलवाया। तेजस्वी और लालू ने हाथ में गुलदस्ता थामा और उसके बाद तेजस्वी से मिले। लालू को मालूम है कि नितिन गडकरी एक सुलझे हुए नेता हैं। तेजस्वी उस वक्त बिहार के डेप्यूटी सीएम थे। लालू उन्हें राजनीति की रपटीली राहों में चलने लायक बना रहे थे। उसी दौरान ये मुलाकात हुई थी। उसी मुलाकात का असर तेजस्वी के आज के संबोधन में भी दिखा। तेजस्वी ने गडकरी की जमकर तारीफ की।

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दोनों ने की एक-दूसरे की तारीफ
तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया कि जब तक आप केंद्र में मंत्री हैं, मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है। राजनीति में ऐसा कम होता है। जब दो विरोधी दलों के नेता आपस में इस प्रकार एक दूसरे की तारीफ करें और विश्वास जतायें। एक तरफ तेजस्वी ने ये कहकर नितिन गडकरी को अपना बना लिया। वहीं दूसरी ओर सियासी चर्चा का विषय भी बन गए। पहले तेजस्वी यादव ने गडकरी को साहब कहा। उसके बाद तेजस्वी यादव ने संबोधन में कहा कि हम हमारे अभिभवक नितिन गड़करी जी का तहे दिल से स्वागत करते हैं। तेजस्वी ने आगे कहा कि पहली बार जब चुनाव जीत कर देश का सबसे युवा उप मुख्यमंत्री बने थे। तब, पथ निर्माण विभाग मंत्री भी था। पहली मीटिंग हुई थी तो वो लाभदायक रही।

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‘कार्यशैली का कायल हूं’
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं आपकी कार्यशैली का कायल हूं। तेजस्वी ने कहा कि मैं आपसे बहुत कुछ सीखता हूं। आप एक विकासशील एवं प्रगतिशील सोच के व्यक्ति हैं। केंद्र के अगर सभी मंत्री नितिन गडकरी की तरह हो जाएं, तो विकास का काम तेजी से होगा। तेजस्वी ने आगे कहा कि नितिन गडकरी पहले से ही बिहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। वे जब तक मंत्री हैं, तब तक मुझे बिहार के विकास को लेकर सोचने की जरुरूत नहीं है।

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गडकरी की तारीफ
उधर, पलटकर नितिन गडकरी ने भी तेजस्वी यादव की तारीफ की। गडकरी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बिहार के सड़क परिवहन संबंधी जो भी योजनाएं लेकर आएंगे उनको कार्यालय तुरंत मंजूरी दे देगा। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (नितिन गडकरी) ने बिहार के रोहतास में सोमवार को 210 करोड़ की लागत से सोन नदी के ऊपर बनने वाली पंडुका पुल की नींव रखी। उन्होंने कहा कि बिहार में आने वाले कुछ सालों में कई एक्सप्रेस वे बनेगा। इसके साथ ही कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। कोलकाता- वाराणसी सड़क मार्ग के अलावा पटना-सासाराम ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होने जा रहा है।

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पुल बनने से 50 लाख से ज्यादा लोगों को होगा फायदा
आपको बता दें कि पंडुका पुल निर्माण होने के बाद नौहट्टा के पंडुका से दो-तीन किमी की दूरी तय कर लोग गढ़वा जिले के श्रीनगर पहुंच जाएंगे। वहां से गढ़वा जिला मुख्यालय की दूरी 40 किलोमीटर होगी। फिलहाल झारखंड के गढ़वा जाने के लिए डेहरी से औरंगाबाद हरिहरगंज के रास्ते या फिर इंद्रपुरी बाराज के रास्ते 150 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है।

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बिहार से झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़ में कहां कितनी घट जाएगी दूरी
पंडुका पुल के रास्ते छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर जिले में रामानुजगंज बाजार 99 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचेंगे। फिलहाल डेहरी, औरंगाबाद, हरिहरगंज के रास्ते या फिर इंद्रपुरी बराज होते हुए करीब 220 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पंडुका पुल से यूपी के सोनभद्र जिले का बॉर्डर 13 किलोमीटर बाद पड़ेगा। सोनभद्र सिटी के लिए 55 किलोमीटर दूरी तय करनी होगी। फिलहाल घुमकर जाने पर 185 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इसके साथ ही पंडुका पुल से मध्य प्रदेश के सिंगरौली की दूरी 150 किलोमीटर होगी। फिलहाल सिंगरौली जाने के लिए करीब 180 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

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