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राजधानी पटना से सटे दानापुर के रेलवे स्टेशन को जला दिया गया। फरक्का एक्सप्रेस गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रवियों ने सबसे पहले रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी को निशाना बनाया। इतना ही नहीं खुद को बचाने के लिए उपद्रवियों ने भगवा गमछा और तिरंगे का सहारा लिया। हाथों में डंडे और तोड़ने के हथियारों के साथ रेवले स्टेशन पर नजर आने वाले ये उपद्रवी छात्र तो नजर नहीं आ रहे थे। मगर ये जांच का विषय है कि भगवा और तिरंगे की आड़ में दानापुर रेलवे स्टेशन को किसने फूंका?
हाइलाइट्स
- प्रशासन और आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए उत्पातियों ने बांधा भगवा
- तिरंगे और भगवा गमछे की आड़ में जलाते रहे दानापुर रेलवे स्टेशन
- एनबीटी के हाथ लगी रेवले स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज, नजर आए उपद्रवी
- सोंची समझी साजिश के तहत सभी सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदली
दानापुर रेलवे स्टेशन पर भगवा गमछा और हाथ में तिरंगा लेकर फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन फूंकने वाले कौन?
भगवा गमछे ले कर आए थे उपद्रवी
दानापुर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी के फुटेज देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उपद्रवी छात्र के वेश में आए थे। जैसा कि राजनीतिक दल इसे छात्रों का स्फूर्त आंदोलन बता रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्रों के बीच असामाजिक तत्व भगवा गमछे के साथ मौजूद थे। जिन्होंने दानापुर रेलवे स्टेशन को नुकसान पहुंचाया और रेलवे को आग के हवाले किया। अब सवाल उठता है कि छात्र अपने बैग बस्ते के साथ तो हो सकता मगर इन्हें भगवा गमछा पहन कर उपद्रव मचाने का आदेश किसने दिया।
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उत्पातिए हथियारों से लैस थे
दानापुर रेलवे स्टेशन से जो फुटेज नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को हाथ लगे हैं उसे देख कर ये कहा जा सकता है कि उपद्रव मचाने वाले और फरक्का एक्सप्रेस को आग के हवाले करने वाले उत्पाती पूरी तैयारी से आए थे। सभी के हाथ में डंंडे और चेहरे पर गमछा नजर आ रहा था। सामानों को तोड़फोड़ करने के लिए उचित तैयारी थी।
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उपद्रवियों ने सीसीटीवी को पहुंचाया नुकसान
उपद्रवियों ने रेलवे स्टेशन के सारे सीसीटीवी को जानबूझ कर नुकसान पहुंचाया। सभी की दिशा बदल दी। एनबीटी ने जब दानापुर रेवले स्टेशन का दौरा किया तो पाया कि आज भी वो तमाम सीसीटीवी वैसे ही किसी दिशा में हैं जिसमें तस्वीरों के रिकार्ड होने का कोई लाभ नहीं। यदि आज भी रेवले स्टेशन पर दोबारा हमला हो जाए तो एक भी उत्पाती कर तस्वीर इनमें नहीं आ पाएगी। ऐसे में बड़ा सवाल ये भी उठता है कि चार दिन बाद आज 21 तारीख तक इन सीसीटीवीज को सही दिशा में क्यों नहीं किया किया।
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हाथ में झंडा और सर पर भगवा साजिश की तरफ करते हैं इशारा
17 तारीख को दानापुर रेलवे स्टेशन पर उपद्रव मचाया गया उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि ऐसा करने वाले लड़के कलम उठाने वाले स्टूडेंट नहीं हो सकते हैं। जिस तरीके से दानापुर रेलवे स्टेशन को नुकसान पहुंचाया गया। उसमें एक सोची समझी रणनीतिक साजिश की ओर इशारा करते हैं, ऐसा कहना है एक अधिकारी का। जिस तरीके से सीसीटीवी को निशाना बनाया गया है। उन की दिशा बदली गई है। यह बताता है कि उन्हें पहले से ऐसे निर्देश दिए गए थे। ये उन उग्रवादी तत्वों की ओर इशारा करता है जिनका मकसद सिर्फ नाराजगी जाहिर करना नहीं थी। जैसा कि गुरु रहमान की ओर से जारी विडियो में भी उन्होंने कहा कि उन्होंने रेलवे को जलाने को नहीं कहा था। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि प्रशासन उन उग्रवादियों की पहचान में देरी क्यों कर रही है जिन्होंने देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
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सुरक्षा बलों से बचने के लिए हाथ में थाम लिए तिरंगा
दानापुर रेलवे स्टेशन से मिले वीडियो फुटेज के आधार पर ये कहा जा सकता है कि उपद्रवियों ने भगवा गमछे और तिरंगे का प्रयोग सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया। एक अधिकारी की मानें तो उनका कहना है पुलिस प्रशासन और लोगों के आंखों में धूल झोंकने के लिए उपद्रवियों ने हाथों में झंडे और भगवा गमछा लपेट लिया था ताकि बाहर खड़ी पुलिस और आम जनता के आंखों में धूल झोंका जा सके। हालांकि जो सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध हो सके हैं उनके जरिए इनमें उपद्रवियों की पहचान हो सकती है। यह देखा जा सकता है कि उपद्रव मचाने के लिए उन्होंने भगवा गमछा और हाथों में तिरंगा कैसे ले रखा था।
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डीजीपी ने दिया गोलमोल जवाब
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने बिहार में उत्पातियों को लेकर पूछे गए सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। उन्होंने सबूत पर कार्यवाही करने की बात कही लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सबूत उनके हाथ लगे कैसे? मिल रही जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन से अब तक कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं निकाले गए हैं। यानी छात्रों के नाम पर मचे उत्पाद को सरकार और प्रशासन मौन समर्थन दे रहा है?
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हिंदी समाचार नवभारत टाइम्स से, टीआईएल नेटवर्क
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