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नक्सल प्रभावित जिला के नाम पर मुजफ्फरपुर को केंद्र सरकार व बिहार सरकार ने 622 करोड़ से 20 सड़क बनाने की स्वीकृति दी। गृह मंत्रालय पिछले साल मुजफ्फरपुर जिले को नक्सल फ्री घोषित कर दिया। लेकिन, मुजफ्फरपुर-देवरिया रोड, तुर्की-सरैया रोड और मलंग चौक से मुरौल तक सड़क बनाने का काम अधूरा है।
डेडलाइन खत्म होने के बाद भी काम पूरा नहीं करने पर पथ निर्माण विभाग ने मुजफ्फरपुर-देवरिया रोड की निर्माण एजेंसी पर 90 लाख और तुर्की-सरैया रोड की निर्माण एजेंसी पर 37 लाख जुर्माना ठोका है।
मलंग चौक से मुरौल तक सड़क बनाने की भी डेडलाइन खत्म होने वाली है। इसलिए अभी जुर्माना नहीं लगाया गया है। केंद्र सरकार ने 4 साल पहले मुजफ्फरपुर जिला में नक्सल फंड के नाम पर 23 सड़क की स्वीकृति दी थी। इसमें 20 सड़क पथ निर्माण विभाग के डिवीजन वन और 3 सड़क डिवीजन 2 के जिम्मे थी।
डिवीजन दो का काम पूरा हो चुका है। विभाग के मुताबिक, दो साल तक कोरोना काल में कोई काम नहीं हुआ। डेढ़ साल से काम रफ्तार पकड़ा है। बावजूद मुजफ्फरपुर-देवरिया रोड में अब भी 20% से ज्यादा काम बाकी है।
46 करोड़ की लागत से इस रोड का निर्माण चल रहा है। इस रोड की निर्माण एजेंसी राजकुमार सिंह राजा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पटना को लापरवाही को लेकर 90 लाख का जुर्माना लगा है। फुलकहां पंचायत के मुखिया विश्वनाथ प्रताप सिंह बताते हैं कि तीन साल से ज्यादा समय से इस सड़क का निर्माण चल रहा है। लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ। जगह-जगह गड्ढा है। छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटना होती रहती है। मुजफ्फरपुर-देवरिया रोड के निर्माण में अब भी अगर विलंब हुआ तो हम लोग सड़क पर उतरेंगे।
60% ही बन सका तुर्की-सरैया रोड
40 करोड़ की लागत से 21 किलोमीटर तुर्की-सरैया रोड का निर्माण होना है। अब तक 60% सड़क बन सकी है। बेगूसराय की बीएलपीएल कंपनी को इस सड़क की जवाबदेही दी गई है। एजेंसी पर 37 लाख का जुर्माना लगाया गया है। तीसरी सड़क मलंग चौक से मुरौल तक 8.5 किमी बनानी है। इसकी डेडलाइन अभी बची हुई है।
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