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आक्रोशितों का आरोप है कि मो. फिरोज देर शाम शौच के लिए रेललाइन किनारे गया था, जहां जमादार ने उसकी पिटाई कर दी। परिजनों का आरोप है कि जमादार ने लाठी से फिरोज की पिटाई की थी। जमादार की जेब से फिरोज का आधार कार्ड और 40 रुपए मिले हैं। जख्मी फिरोज को परिजन जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद शव को रेल ट्रैक पर लाकर रख दिया और परिजनों के साथ मोहल्ले के लोगों ने बवाल शुरू कर दिया। मो. फिरोज की मौत के बाद परिजन खाट पर शव लेकर रेलवे ट्रैक पहुंचे और शव को रेल ट्रैक पर रखकर जाम कर दिया। रेलवे ट्रैक पर सोकर लोग हंगामा करने लगे। पुलिसकर्मियों ने काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे लोग मानने को तैयार नहीं थे।
इस दौरान रेललाइन निर्माण एजेंसी के दो गार्ड की पिटाई भी कर दी। मौके पर जब आरपीएफ के जमादार पहुंचे तो उन्हें दोड़ा दौड़ाकर पीटा। बवाल की सूचना पर काजी मोहम्मदपुर, रेल पुलिस और क्यूआरटी मौके पर पहुंची। काफी मशक्कत के बाद जमादार को भीड़ से बचाया। वहीं, आरोपित जमादार ने पिटाई के आरोप को गलत बताया। उन्होंने हार्ट अटैक से चालक की मौत का दावा किया। मंगलवार रात करीब दस बजे से शुरू हुआ बवाल डेढ़ बजे रात तक जारी रहा। आरपीएफ ने काफी मशक्कत के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू कराया।माड़ीपुर के आसपास रहने वाले लोगों का आरोप है कि अक्सर आरपीएफ की जवान आसपास के युवकों के साथ मारपीट करते है। निर्दोष को झूठे मामलों में फंसा देता हैं। लोगों ने मृतक के परिजन को नौकरी और बीस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
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