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कटिहार. बिहार में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक इन दिनों कटिहार में हो रही है. 31 मई और 1 जून को शहर के नगर भवन में आयोजित होने वाले इस बैठक में बिहार भाजपा से जुड़े चार केंद्रीय मंत्री, दो डिप्टी सीएम के अलावे सभी भाजपा के वर्तमान और पूर्व विधायक शिरकत कर रहे हैं. कोरोना काल के दो साल बाद और कटिहार में 13 साल बाद भाजपा ये आयोजन कर रही है. राजधानी से दूर और सीमांचल के इलाके में भाजपा के इस बड़े आयोजन के पीछे राजनीतिक वजह भी तलाशी जा रही है.
जानकर मानते हैं कि अक्सर सीमांचल का इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य होने के बावजूद अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण और यहां के बहुसंख्यक हिन्दू समाज के वोट गोलबंद होने के कारण भाजपा का गढ़ रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की धमाकेदार एंट्री से भाजपा को अपनी राजनीति को लेकर और उर्वरक जमीन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि एआईएमआईएम की मजबूती से भाजपा के मुख्य विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस और राजद का सीमांचल के इलाके से लगभग सफाया होने लगा है, ऐसे में अपने आप को पूरे प्रदेश की राजनीति में हिंदू हितैषी बताकर बड़ा राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है.
सीमांचल के इलाके में भाजपा के इस आयोजन को राजनीतिक जानकार आने वाले दिनों में भाजपा को विकास के मुद्दे के साथ साथ अपने आप को हिंदूवादी राजनीति को और मजबूत करने के ऐंगल से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं कि भाजपा आने वाले दिनों के लिए राजनीतिक प्रस्ताव पर विचार कर रही है इसके साथ साथ 1 से लेकर 14 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 साल पूरा होने पर उनके कार्यकाल की उपलब्धि को जन जन तक पहुंचाने से जुड़े कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा कर रही है. आगे भी बिहार में अपने विकास नीति के बल पर भाजपा का ही दबदबा होगा.
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प्रथम प्रकाशित : 01 जून 2022, दोपहर 12:44 बजे IST
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