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सार
लखीसराय के जिलाधिकारी संजय कुमार के मुताबिक, पटना से करीब 120 किलोमीटर दूर बड़हिया स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में लोग पटरियों पर बैठ गए हैं। आंदोलनकारी स्थानीय यात्रियों की सुविधा के लिए कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव करने की मांग कर रहे हैं, जिनका वहां पहले कोई ठहराव नहीं था।
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विस्तार
पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के मोकामा-किउल खंड पर बड़हिया रेलवे स्टेशन पर रविवार को धरना-प्रदर्शन के कारण बिहार में करीब 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 30 का मार्ग बदल दिया गया या निर्धारित गंतव्य से पहले उसकी यात्रा पूरी (शॉर्ट टर्मिनेट) कर दी गई।
देर रात तक रेलवे ट्रैक पर मौजूद हैं प्रदर्शनकारी
पूर्व-मध्य रेलवे, हाजीपुर के सीपीआरओ बीरेंद्र कुमार ने कहा कि “प्रदर्शनकारी रविवार देर रात तक रेलवे ट्रैक पर मौजूद हैं, हम उनसे बात कर रहे हैं। वे आठ ट्रेनों को तत्काल रोकने की मांग कर रहे हैं। हम उसी पर चर्चा कर रहे हैं।”
ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन
लखीसराय के जिलाधिकारी संजय कुमार के मुताबिक, पटना से करीब 120 किलोमीटर दूर बड़हिया स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में लोग पटरियों पर बैठ गए हैं। आंदोलनकारी स्थानीय यात्रियों की सुविधा के लिए कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव करने की मांग कर रहे हैं, जिनका वहां पहले कोई ठहराव नहीं था।
डीएम-एसपी के मनाने के बावजूद रेल पटरियों पर से हटने को तैयार नहीं
जिलाधिकारी और रेलवे पुलिस उपाधीक्षक इमरान परवेज द्वारा आंदोलनकारियों को अपना आंदोलन वापस लेने के लिए मनाने के प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला और शाम होने के बाद उन्होंने पीछे हटने की अनिच्छा के स्पष्ट संकेत के तौर पर पटरियों पर अपना भोजन तैयार करना शुरू कर दिया।
रद्द ट्रेनों में चार एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल
हाजीपुर स्थित ईसीआर मुख्यालय के अनुसार, जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है उनमें बिहार को कोलकाता, सियालदह और जसीडिह से जोड़ने वाली चार एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।
29 ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया गया
ईसीआर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि लंबी दूरी की 29 ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया गया जिनमें हावड़ा-दिल्ली एक्सप्रेस, आसनसोल-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस, अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस और कामाख्या-दिल्ली एक्सप्रेस प्रमुख हैं। इसके अलावा पटना से जसीडिह जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन को टेकबीघा में समाप्त करना पड़ा है।
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