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जानकारी के अनुसार, जिस वक्त उत्पाद विभाग की टीम पचरुखिया स्थित होटल में छापेमारी कर रही थी। उस वक्त होटल में धर्मेंद्र की पत्नी होटल का संचालन कर रही थी। धर्मेंद्र वहां मौजूद नहीं था। छापेमारी करते हुए 2 बोतल शराब बरामद की गई और धर्मेंद्र की पत्नी को हिरासत में लेते हुए उत्पाद विभाग की टीम थाना औरंगाबाद लाई।
थाने पहुंचे पति ने कबूल किया अपना जुर्म तो उत्पाद विभाग ने पत्नी को छोड़ा
इधर धर्मेंद्र ने बताया कि पत्नी के पकड़े जाने के बाद वह उत्पाद विभाग के थाने पहुंचा, जहां उसने अपना जुर्म कबूला और पत्नी को छुड़ाकर खुद को उत्पाद पुलिस के हवाले कर दिया। इधर धर्मेंद्र ने पत्नी की जगह उसे गिरफ्तार करने के नाम पर उत्पाद विभाग की पुलिस पर पैसे लेने का भी आरोप लगाया है।
धर्मेंद्र के आरोप गलत, पत्नी की नहीं थी मामले में संलिप्तता: उत्पाद अधीक्षक
धर्मेंद्र के आरोप को लेकर जब उत्पाद अधीक्षक सीमा चौरसिया से बात की गई तो उन्होंने कहां कि होटल का संचालन धर्मेंद्र करता था। लेकिन छापेमारी के वक्त वह वहां मौजूद नहीं था। ऐसी स्थिति में उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए औरंगाबाद लाया गया। थोड़ी देर बाद धर्मेंद्र भी हाजत में पहुंचा और अपना जुर्म कबूल करते हुए पत्नी को छोड़े जाने की गुहार लगाई। उत्पाद अधीक्षक ने कहा कि चूंकि इस मामले में उसकी पत्नी की कोई संलिप्तता नहीं थी, ऐसी स्थिति में धर्मेंद्र को नई संशोधित उत्पाद अधिनियम की सुसंगत धारा के तहत गिरफ्तार कर कोरोना जांच के बाद जेल भेज दिया गया है। उत्पाद अधीक्षक ने कहा कि पैसे के लेनदेन के जो आरोप लगाए गए हैं वह बिल्कुल निराधार, निरर्थक और झूठे हैं।
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