Home Bihar पटना में बेतहाशा गर्मी बढ़ने और पारा 40 डिग्री पार होने से मटके और घड़े की डिमांड बढ़ी

पटना में बेतहाशा गर्मी बढ़ने और पारा 40 डिग्री पार होने से मटके और घड़े की डिमांड बढ़ी

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पटना में बेतहाशा गर्मी बढ़ने और पारा 40 डिग्री पार होने से मटके और घड़े की डिमांड बढ़ी

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पटना. बिहार में तापमान में इजाफा होने से गर्मी बढ़ गई है. राजधानी पटना (Patna) में पारा 40 के पार चला गया है. यहां सूरज की तपिश (Heat Wave) को देख कर लोग कल्पना कर रहे हैं कि अभी जब अप्रैल के महीना में इतनी गर्मी है, तो मई और जून में क्या होगा. ऐसे में मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ गई है. बढ़ती गर्मी को देखते हुए राजधानी के बाजारों में जगह-जगह मिट्टी के बर्तन बेचे जा रहे हैं.

आज के जमाने में गर्मियों के मौसम में निम्न आय वर्ग के लोग मिट्टी के बर्तनों में रखा पानी पी कर खुद को ठंडा रखते हैं. मिट्टी के बर्तन या घड़े का पानी न सिर्फ सेहत के लिए लाभदायक होता है बल्कि ये गर्मी में शीतलता भी प्रदान करता है. इसे देखते हुए मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है. पिछले दो वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण अधिकतर लोग फ्रीज का ठंडा पानी पीने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन गर्मियों में घड़े का पानी ठंडा-ठंडा कूल-कूल बना रहता है इसलिए लोग मिट्टी के बने घड़े और बर्तनों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं.

पटना के बाजारों में मिट्टी के बर्तन और घड़े साधारण के अलावा आकर्षक रंगों में भी उपलब्ध हैं. गर्मियां बढ़ने से यहां घड़े और मटकों की बिक्री जोरों से हो रही है. बाजार में एक मटके की कीमत 200, 300 और 400 रुपये के बीच है. मटका खरीदने आए राकेश का कहना है कि असल प्यास मटके के ठंडे पानी से ही बुझता है. यह सही है कि फ्रीज का भी पानी ठंडा होता है कि लेकिन उससे प्यास नहीं बुझती. वहीं, मटका विक्रेता सोहन ने कहा कि जब पछुआ हवा चलती है तो मटके की खरीदारी ज्यादा होती है. मटके में रखा ठंडा पानी लोगों की सेहत पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं करता.

आपके शहर से (पटना)

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