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सार
अदालत ने कहा कि शराब के रिसने से जल स्तर दूषित हो गया है। शराब की रासायनिक संरचना ने मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को प्रभावित किया है जिससे मिट्टी मेें बांझपन आ रहा है।
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विस्तार
न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह ने आदेश में कहा कि अवैध शराब को नष्ट करना, वास्तव में, आसपास के क्षेत्र में वातावरण असंतुलन का कारण बनता है, जहां इसे नष्ट कर दिया गया है और यह मानव जीवन के लिए खतरनाक भी बन गया है। राज्य लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए बाध्य है।
अवैध शराब के सेवन के कारण नागरिकों ने अपनी जान गंवाई
अदालत ने कहा कि न केवल बड़ी संख्या में नागरिकों ने अवैध शराब के सेवन के कारण अपनी जान गंवाई है, बल्कि इसका उन लोगों के जीवन पर भी अधिक प्रभाव पड़ता है जिनके आसपास ऐसी शराब नष्ट हो जाती है।
मिट्टी खो रही अपनी क्षमता
साथ ही आदेश में कहा गया कि शराब के रिसने से जल स्तर दूषित हो गया है। शराब की रासायनिक संरचना ने मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को प्रभावित किया है जिससे मिट्टी मेें बांझपन आ रहा है। ऐसे दूषित पानी ने उक्त आसपास के सामान्य स्वास्थ्य लोगों को और अधिक प्रभावित किया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब्त की गई शराब की बोतलों को एक सुनसान जगह पर ले जाया जाता है और एक रोड रोलर के पहियों के नीचे कुचल दिया जाता है। लेकिन इस पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी गई है वह अब इस बात का आंकलन करेगा कि जहां पर शराब को नष्ट किया जा रहा है वहीं की मिट्टी कैसी है।
शराब की जब्ती के बाद उसे नष्ट कर दिया गंभीर मुद्दा
आदेश में कहा गया है कि आबकारी अधीक्षक ने अदालत को सूचित किया है कि शराब की जब्ती के बाद उसे नष्ट कर दिया, जो एक और गंभीर मुद्दा है।
बता दें कि अदालत एक ऐसे व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे पिछले साल बिहार में अवैध शराब ले जा रहे वाहन को चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने दावा किया कि वह एक किशोर है और उसे नहीं पता था कि वाहन में शराब भरी हुई थी।
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