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बगहा. कश्मीर में गैर कश्मीरी और बिहारी मजदूरों पर लगातार हो रहे हमले (Attack On Bihar Labors) के बाद दहशत फैल गई है. अपने घर से दूर जाकर कश्मीर में काम करने वाले बाहरी राज्यों के लोग घाटी से भागने लगे हैं. गैर-कश्मीरी 40 मजदूरों का समूह मंगलवार को श्रीनगर रेलवे स्टेशन (Srinagar Railway Station) पर अपने राज्यों में वापस जाने के लिए इकठ्ठा हुआ जबकि अभी भी चौतरवा थाना स्थित सिकटौर गांव के तकरीबन 200 लोग कश्मीर के लजूरा में फंसे हुए हैं.
लाखों रुपए का बकाया
लजूरा में फंसे दीना पटेल ने फोन पर न्यूज 18 को बताया कि यहां पर काफी डर का माहौल बन गया है. 24 घंटे से डर की वजह से ना तो किसी ने खाना बनाया और ना ही किसी ने खाना खाया है. संतोष यादव ने बताया कि उनके अलावा बेचू बैठा, सुरेश बैठा, राहुल पटेल, नंदकिशोर पटेल जैसे 200 लोग घर वापसी के लिए कश्मीर में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि सुबह सेना के जवान आए थे लेकिन पॉकेट में एक भी रुपया नहीं है. यहां पर पैसा मिलने वाला है. सभी मजदूरों का लगभग तीन लाख बकाया है जो शाम तक मिलेगा. संतोष यादव ने बताया कि हालात खराब हैं और घाटी में गैर-कश्मीरी लोगों खासकर के मजदूरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. मजदूरों ने बताया कि हम इन परिस्थितियों में कश्मीर में और नहीं रह सकते हैं.
कश्मीर छोड़ने का ले रहे हैं फैसला
नंदकिशोर पटेल ने बताया कि कुछ लोग हमसे कहते हैं कि रुक जाओ, लेकिन हम कश्मीर में कैसे रह सकते हैं, जब हमे अपने कमरों में भी अपनी जान जाने का खतरा है. अगर यह समस्या खत्म हो जाती है और शांति बहाल हो जाती है, तो हम कश्मीर लौटने के बारे में सोचेंगे.
मालूम हो कि सोमवार को कश्मीर में हुए आतंकी हमले में बिहार के बगहा के रहने वाले पिता-पुत्र को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने फायरिंग की थी. फायरिंग की इस घटना में दोनों पिता-पुत्र को गोलियां लगी थी.
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