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पटना. बिहार जल्द ही केंद्र की एक बड़ी योजना के सहारे विकास के रास्ते पर और आगे बढ़ने वाला है. दरअसल पीएम गति शक्ति योजना (PM Gati Shakti Yojna) के जरिए बिहार के विकास की गति को और तेज करने की योजना बन रही है. बता दें, 7 जनवरी को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक की ओर से पूर्वी क्षेत्र सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में बिहार की तरफ से दोनों उप मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. साथ ही भारत सरकार के रेल, संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) भी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. इस दौरान पीएम गति शक्ति योजना पर विस्तृत चर्चा हुई थी.
दरअसल भारत का पहला इन्फ्रास्ट्रक्चर मास्टर प्लान प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के शुभारंभ के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पूर्वी क्षेत्र सम्मेलन बुलाया गया था. इस योजना के तहत देश में एकीकृत इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास योजना (Integrated Infrastructure Development Planning) बनाने एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु सकारात्मक दिशा में एक नई शुरुआत की गई है.
जानिए बिहार को कैसे मिलेगा लाभ
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गति शक्ति योजना के माध्यम से विभागों के मध्य समन्वय बढ़ाकर विभिन्न आर्थिक क्षेत्र एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाना ही इस योजना का उद्देश्य है. इस बारे में बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि बिहार गति शक्ति योजना से काफी लाभान्वित होगा. बिहार में मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित होगा. इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और अमृतसर कलकत्ता इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर राज्य से होकर गुजरता है. कान्फ्रेंस में शामिल पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना से विकास के काम में तेजी आएगी केंद्र और राज्य सरकार से बेहतर तालमेल होगा जिससे कोई भी काम में देरी नहीं होगी. केंद्र की योजना को लागू करने में जो देरी होती थी, अब इस योजना के तहत काम जल्दी हो सकेगा.
और मजबूत होगी आधारभूत संरचना
दरअसल राज्य सरकार बिहार की आधारभूत संरचना को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की इस योजना से जुड़ गई है, जिसकी वजह से ऐसी परियोजना बनाई जा रही है. जिसमें कि रेल मार्ग, सड़क मार्ग और जल मार्ग को जोड़कर एक बेहतरीन मॉडल तैयार किया जाएगा. इस योजना से बिहार को एक बड़ा बाज़ार भी उपलब्ध होगा और बिहार के बने सामान आसानी से बाहर भेजे जा सकेंगे जो पिछड़े बिहार को आगे बढ़ने में बड़ी मददगार साबित हो सकती है. 7 जनवरी को हुई इस बैठक में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ और उड़ीसा तथा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्री शामिल हुए. इस परियोजना के पूरा होने पर बिहार में विकास की रफ्तार में तेजी आएगी.
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