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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेट किया गया शुक्र, 25 मार्च 2022 03:53 PM IST
सार
बिहार विधानसभा में शुक्रवार को जाति जनगणना को लेकर खूब हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने नारेबाजी की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। हालांकि, नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे।
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विस्तार
राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और वाम दलों के सदस्यों ने इसका विरोध किया और सरकार से तेजस्वी यादव के सवाल पर बयान देने की मांग की। कुछ सदस्य विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन के वेल तक पहुंच गए। तेजस्वी यादव के सवाल में राज्य-विशिष्ट जाति जनगणना और बजट आवंटन के लिए प्रस्तावित टाइमलाइन की जानकारी मांगी गई थी।
विपक्ष के हंगामें की वजह से कार्यवाही को 11.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया। जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो राजद और वाम दलों के विधायकों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। उन्होंने ‘सौ में नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है’ जैसे नारे लगाए। इसके बाद स्पीकर विजय सिन्हा ने एक बार फिर कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
दो बार प्रस्ताव पारित कर चुकी है राज्य की विधानसभा
राज्य की दो सदनों वाली विधायिका ने जाति जनगणना के समर्थन में दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए हैं। इस मुद्दे पर पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। लेकिन, केंद्र सरकार का रुख इस ओर खास सकारात्मक नहीं है।
बता दें कि बिहार मंडल राजनीति का केंद्र रहा है जिसने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक उत्थान में अहम योगदान दिया था। केंद्र सरकार की ओर से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा अन्य जातियों की गणना करने से इनकार करने के बाद से राज्य में एक अलग तरह के गतिरोध का माहौल बना हुआ है।
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