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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेट किया गया शुक्र, 25 मार्च 2022 04:48 AM IST
सार
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सहनी अपने कर्मों का फल भोग रहे हैं। बिहार की मौजूदा जेडीयू-भाजपा सरकार के लोगों ने उनके पीठ में छुरा घोपा है।
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नीतीश सरकार के लोगों ने उनकी पीठ में छुरा घोपा
राबड़ी देवी ने कहा, “सहनी ने जो किया है, वो उसी का परिणाम लिए घूम रहे हैं। बिहार की मौजूदा जेडीयू-भाजपा सरकार के लोगों ने उनके पीठ में छुरा घोपा है।” वहीं, बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से आए बच्चों के बीमार होने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतीश सरकार हर मामले में लीपापोती करने में लगी है। बिहार दिवस के नाम पर करोड़ों रुपये का सरकार बजट बनाती है, लेकिन लोगों को शुद्ध खाना और बेहतर व्यवस्था भी नहीं दे पाती है।
दो नाव की सवारी कर रहे थे सहनी !
मुकेश सहनी पिछले कुछ दिनों से लगातार दो तरह की राजनीति कर रहे थे। एकतरफ वो भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू पर उनके तेवर नरम थे। सहनी ने एमएलसी चुनाव में जिन सात सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान किया है उसमें जेडीयू के विरोध में एक भी सीट नहीं है। इतना ही नहीं सहनी जेडीयू उम्मीदवारों के नामांकन में भी शामिल हो रहे थे और नीतीश कुमार की जमकर तारीफ कर रहे थे। इसके साथ ही सहनी लालू प्रसाद की भी तारीफ कर रहे थे और खुद को लालू प्रसाद की विचारधारा का बता रहे थे।
विधानसभा चुनाव से पहले तोड़ा था राजद से नाता
बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 के पहले विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे से नाराज होकर मुकेश सहनी ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था। साथ ही महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे भविष्य में कभी तेजस्वी के साथ मिलकर राजनीति नहीं करेंगे। तेजप्रताप (तेजस्वी के बडे़ भाई) के साथ सोच सकता हूं।
बिहार दिवस में आए बच्चों की बिगड़ी तबीयत
बता दें कि बिहार दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पटना आए 156 बच्चे फूड प्वॉइजनिं के शिकार हो गए। बुधवार रात खाना खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें उल्टी, घबराहट, पेट दर्द की शिकायत हुई। कई बच्चों का इलाज गांधी मैदान स्थित अस्थायी अस्पताल व मेडिकल कैम्प में चल रहा है। जबकि 15 बच्चों को पीएमसीएच भेजा गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि यह फूड प्वाइजनिंग का मामला है। बच्चों के बीमार होते ही शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग व खाद्य सुरक्षा विभाग मामले की जांच में जुट गया है।
बच्चों ने बताया कि रहने व सोने की अच्छी व्यवस्था न होने और खराब खाना खाने की वजह से उनकी तबीयत खराब हुई है। उनका कहना है कि जहां ठहरने की जगह थी, वहां के हालात बहुत खराब थे। आधी रात को उनको दूसरे जगह छोड़ा गया। खाना भी अच्छा नहीं मिल पाया, जिस कारण फूड प्वाइजनिंग हो गई।
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