Home भोजपुरी Interview: जब Saba Khan के हीरोइन बनने के खिलाफ थे घरवाले तो सिर्फ इन्होंने दिया था साथ, बेहद करीब हैं वो

Interview: जब Saba Khan के हीरोइन बनने के खिलाफ थे घरवाले तो सिर्फ इन्होंने दिया था साथ, बेहद करीब हैं वो

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Interview: जब Saba Khan के हीरोइन बनने के खिलाफ थे घरवाले तो सिर्फ इन्होंने दिया था साथ, बेहद करीब हैं वो

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भोजपुरी एक्ट्रेस (Bhojpuri Actress) सबा खान (Saba khan) को इंडस्ट्री की क्यूट गर्ल भी कहा जाता है. उन्हें इंडस्ट्री को ज्वॉइन किए अभी महज कुछ ही वक्त बीता है और वो बहुत जल्द ही भोजपुरिया दर्शकों के दिल पर राज करने लगी हैं. आज वो एक हीरोइन बन तो गई हैं मगर उनके लिए एक्ट्रेस बनना आसान बात नहीं थी. उन्होंने सपने को पूरा करने के लिए सभी से लड़ा है और इस लड़ाई में उनका साथ घरवालों ने छोड़ दिया था. मगर एक ऐसा इंसान उनके साथ रहा, जिससे वो सभी का सामना कर पाईं. वो कोई और नहीं बल्कि उनको जन्म देने वाली उनकी मां हैं. आइए आपको बताते हैं कि एक्ट्रेस न्यूज 18 हिंदी के साथ खास बातचीत में क्या कुछ कहा…?

भोजपुरी (Saba khan Bhojpuri career) में अश्लीलता होने और परिवार का उनके एक्ट्रेस बनने के खिलाफ होने के बीच सबा खान से पूछा गया कि उन्होंने एक्टिंग के लिए केवल भोजपुरी को ही क्यों चुना तो उन्होंने कहा, ‘मेरी फैमिली तो इसके खिलाफ है मगर मैं जहां से ताल्लुक रखती हूं वो यूपी का ही एक जिला देवरिया है. मैं कभी वहां गई नहीं पर मेरा संबंध तो कहीं ना कहां भोजपुरी से है ही. इसलिए मैंने इससे जुड़े रहने के लिए सोचा और इसके लिए कुछ अच्छा करना चाहती हूं.’ इसके अलावा एक्ट्रेस ने भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर कहा, ‘यहां तो अश्लीलता है ही नहीं, यहां कि भाषा इतनी प्यारी है. यहां इज्जत दी जाती है. लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा है, लेकिन कुछ लोग हैं, जिनकी वजह से इंडस्ट्री का नाम खराब होता है. इंडस्ट्री में कोई बुराई नहीं है. कंटेंट है काम है पर यहां पर जो लोग हैं ना वो गलत हैं. वो लोग एक-दूसरे के बारे में गलत सोचते हैं. बस यही समस्या है. बॉलीवुड भी हमारी इंडस्ट्री को पछाड़ सकती है.’

सबा खान रोचक तथ्य जीवन कहानी

धर्म को लेकर पूछे जाते हैं ऐसे सवाल

सबा खान से आगे पूछा गया कि मुस्लिम होने के नाते कभी धर्म काम के लिए रोड़ा बना है? तो इस पर एक्ट्रेस ने कहा कि ‘सभी अपना-अपना धर्म पकड़कर चलते हैं. जैसे कोई खान है तो वो उसके साथ काम करेगा या फिर कोई यादव है तो वो उसके साथ काम करेगा. ऐसा चलता रहता है. मैंने जब से इंडस्ट्री में एंट्री की है तो ये चीजें होते हुए देखा है. मेरा मानना है कि सब भगवान एक हैं. सिर्फ ये चीजें वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स में नहीं होती हैं. मैंने इससे पहले किसी प्रोजेक्ट्स के लिए ट्राई नहीं किया था, लेकिन कुछ प्रोजेक्ट्स मेरे पास आए थे, जिसमें मुझसे पूछा जाता रहा है कि आप मुस्लिम हैं तो कैसे करेंगी तो मैं उन्हें जवाब देती कि इंसानों में फर्क आपने किया मैंने थोड़ी किया. मुस्लिम-हिंदू आप कर रहे हैं. मेरा भी खून लाल है और आपका भी खून लाल है.’

कॉम्प्रोमाइस शब्द से हुआ सामना

कभी कॉम्प्रोमाइस शब्द का सामना हुआ है? तो इस सवाल का जवाब देते हुए सबा खान ने कहा, ‘कई सुनने में आया है ये शब्द मगर मैंने हमेशा से एक ही चीज का साथ दिया है कि जब आपके टैलेंट हो, हुनर हो तो उसके आगे ये शब्द काम नहीं करेगा. मैंने इस शब्द के लिए एक ही बात कही है कि मैं घर बैठना पसंद करूंगी मगर ऐसा कुछ कभी नहीं करूंगी. ये मुझसे नहीं हो पाएगा’. हालांकि, सबा खान ने इस मामले में किसी का नाम नहीं लिया है.

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नाम बदलने को लेकर लोग देते थे सलाह

मुस्लिम होने के नाते कभी आपको अपना नाम बदलने के बारे में सोचना पड़ा हो या कहा गया हो. इस पर सबा खान ने कहा, ‘जी बिल्कुल मैंने ये सिचुएशन भी फेस की है. शुरू में जब में काम की शुरुआत कर रही थी तो मैंने उस दौरान 2-3 कंपनी में काम किया. तो इस दौरान कुछ लोगों ने मुझसे सामने से आकर कहा कि अरे आपका नाम सबा खान है. ये नाम नहीं चलेगा तो मैंने पूछा क्यों नहीं चलेगा? इस पर मुझे जवाब मिलता है कि मुस्लिम नाम नहीं चलते हैं. फिर मैंने कहा कि मैं आपको यही नाम चलाकर दिखाऊंगी. क्योंकि ये ही मेरी पहचान है. ये नाम मेरे मां-बाप ने दिया है तो मैं इसे चेंज क्यों करूं मैं चेंज नहीं करूंगी. मुझे नाम बदलने के लिए गौरी खान तक के नाम दिए गए. इसके बाद किसी ने मुझे दिव्या दिया. पर मैंने नहीं बदला.’

बोल्डनेस पर परिवार का रिएक्शन कैसा है?

सबा ने कहा, ‘मेरे परिवार में हम पांच लोग हैं. मुझे कभी सुनने में नहीं आया कि लेकिन मेरी मम्मी बहुत सुनती हैं मेरे लिए. उन्होंने जब भी सुना ना तो से मुझ तक कभी पहुंचने नहीं दिया. क्योंकि उन्हें पता था कि इससे कहीं ना कहीं मेरा आत्मविश्वास टूट जाएगा. क्योंकि मेरी मां ने हर वो चीज फेस की थी. मैं आज उन सभी चीजों से बची हूं तो सिर्फ अपनी मां की वजह से. मेरी मम्मी ने मुझे शुरू से ही मुझे सपोर्ट किया है. पर जो मेरे पिता जी थे दादी के घर वाले थे. वो प्रॉपर यूपी से हैं तो वो ये सब बखूबी फॉलो करते हैं कि लड़की है तो ऐसे नहीं करेगी. हिजाब पहनना चाहिए. बुरखा पहनने पर उनको बहुत ज्यादा था कि मैं पहनूं. ऐसी चीजों की वजह से ही मेरी मम्मी ने उनकी फैमिली को छोड़ दिया था. फिर जब मैं काम करने लगी तो हम लोग सेपरेट होकर रहने लगे. देखिए खून का रिश्ता कभी खत्म नहीं होता है और आज जब भी उन लोगों से मुलाकात होती है तो लोग मां से कहते हैं कि आपकी बेटी की नाभि दिखती है, क्लीवेज दिखता है, कमर दिखती है. नहीं दिखना चाहिए. तो सभी के सवालों से कभी-कभी वो भी परेशान हो जाती हैं और वो भी पूछ लेती हैं कि सबा ये सब करना जरूरी है क्या तो मेरे पास उन्हें कहने के लिए कोई जवाब नहीं होता है. पर मैंने सोच रखा है, जिस दिन मैं सफल हो जाऊंगी. उस दिन इसका सबको जवाब दूंगी.’

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हीरोइन को फिल्मों में क्यों कास्ट किया गया है?-सबा खान

सबा खान से भोजपुरी में किए जाने वाले बदलाव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘यहां पर मेकर्स को अपना पैटर्न बदलने की जरूरत है. मतलब हर फिल्म में हीरो ही हीरो होता है. कभी हीरोइन को भी हीरो बनना चाहिए. यही पैटर्न बदलना चाहिए. दूसरे इनके सॉन्ग हैं. ये तो बहुत अच्छे हैं मगर इनको जो शूट किया जाता है वो कुछ अलग ही दिखा देते हैं. शूटिंग के दौरान करते कुछ हैं और फोकस किसी और पर कर देते हैं तो यही पैटर्न बदलना चाहिए और जो लोग अभी नए हैं उन्हें भी रिस्पेक्ट देने की जरूरत है क्योंकि आपके बाद वो ही हैं. भोजपुरी में पैटर्न बदलने से मतलब है कि हीरोइनों को भी मौका दिया जाना चाहिए स्क्रीन पर ये दिखाने के लिए वो इस फिल्म में क्यों कास्ट की गई है. यहां सिर्फ मूवीज हीरो पर फोकस्ड होती हैं.’

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