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भोजपुरी की ब्यूटीफुल एक्ट्रेस स्मृति सिन्हा (Smrity Sinha) फिल्मों में एक बार फिर से वापसी कर रही हैं. वो इन दिनों पवन सिंह (Pawan Singh) के साथ बैक टू बैक फिल्मों में काम कर रही हैं. उनका गाना ‘साड़ी से ताड़ी’ (Saree Se Tari) ने पिछले दिनों खूब धमाल मचाया था. वो इंडस्ट्री में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. ऐसे में अब एक्ट्रेस ने News18 Hindi से खास बातचीत की है. उन्होंने इस दौरान बताया कि पहली फिल्म उन्हें शॉपिंग मॉल में मिली. आइए जानते हैं. उन्होंने क्या कहा…?
झारखंड के दुमका में जन्मी स्मृति सिन्हा ने कहा, ‘मैं एमबीए की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन उसी बीच मुझे फिल्म में काम करने का मौका मिला. फिर वो पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई. मैं ग्रैजुएट हूं, बायो टैक्नोलॉजी मेरा सबजेक्ट रहा था.’ भोजपुरी में एंट्री करने को लेकर कहा, ‘मैं भोजपुरी में काम करने के लिए आई नहीं थी. मैं मुंबई आई थी एमबीए की पढ़ाई करने के लिए. मुझे शॉपिंग मॉल में फिल्म ‘रंगीला बाबू’ के लिए अप्रोच किया गया. क्योंकि आखिरी वक्त में उनकी जो पहले से साइन हीरोइन थी उनका कुछ प्रॉबलम हो गया था. वो काम नहीं कर पा रही थीं. इसलिए मेकर्स ने मुझे अप्रोच किया और उस दौरान मुझे पता भी नहीं था कि भोजपुरी में फिल्में बनती हैं, लेकिन जब मैं वहां पर प्रोड्यूसर्स से मिली तो मुझे वाइब अच्छी मिली. ऐसे में मुझे लगा कि अच्छी फिल्म बन रही है और काम करना चाहिए.’
एक्ट्रेस ने अपनी पहली फिल्म मिलने की कहानी के बारे में बताया, ‘मैं एक शॉपिंग मॉल में शॉपिंग कर रही थी तो अचानक से कोर्डिनेटर की नजर मुझ पर पड़ी और उन्हें लगा कि मैं उस फिल्म के लिए फिट हूं तो उन्होंने मुझे पूछा और मैंने मना कर दिया था क्योंकि मैं तो पढ़ाई करने के लिए गई थी. मेरा अलग गोल था और अलग नजरिया था. मैंने घर पर भी बात की फिल्म में काम करने को लेकर मगर घर वालों ने भी मना कर दिया था. अच्छा-खासा ड्रामा हुआ. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. मैं इस इंडस्ट्री में किस्मत से आई हूं. जब तक घर में सहमति नहीं होती तब तक मैं फिल्मों नहीं आती. पापा को बोला गया कि लोग यहां पर कितने सालों तो एड़ियां घिसते रह जाते हैं और लोगों को कुछ नहीं मिलता है. अगर इन्हें बिना कुछ किए मौका मिल रहा है तो उन्हें कोशिश क्यों नहीं करने देते.’
कैसा रहा स्मृति सिन्हा का संघर्ष?
अपने संघर्ष करने को लेकर स्मृति सिन्हा ने कहा, ‘इंडस्ट्री बिना संघर्ष के लिए तो किसी के लिए नहीं है और वास्तव में तो मैं आज भी संघर्ष ही कर रही हूं. पहली फिल्म ‘रंगीला बाबू’ तो मिल ही गई थी. लेकिन बाद में सवाल था अब क्या? जब मैंने फिल्म की थी तो ये कोई बड़ी और ब्लॉकबस्टर हिट नहीं हुई थी. तो इंडस्ट्री में भी मुझे बहुत लोग ही जानते थे. मैं इंडस्ट्री में नई थी. मेरी कोई पहचान नहीं थी. मैं बिल्कुल अलग परिवेश, अलग जगह से बस आ गई थी. उस समय में तो भोजपुरी में अलग हीरोइनों का भी दौर चल रहा था. नगमा और स्वीटी छाबरा जैसी एक्ट्रेस का नाम टॉप लिस्ट में होता था. अगर मैं कहीं जाती भी थी तो लोग मुझे कहते थे कि आप बहुत दुबली हैं तो तुम हीरोइन की बहन का रोल प्ले कर लो. दोस्त का रोल कर लो, लेकिन मैं मना कर देती थी. फिर मैंने इसके बाद टीवी सीरियल्स का रुख किया. ऑडिशंस देने शुरू कर दिए. एक साल तक मैंने टीवी सीरियल में काम करना शुरू कर दिया. मैंने ‘वक्त बताएगा कोई अपना कौन पराया’, ‘वक्त बताएगा’, ‘बिदाई’ जैसे टीवी सीरियल्स में काम किया. एक साल के बाद मैंने फिल्म ‘प्यार बिना चैन कहां रे’, ‘शादी-बियाह’ की.’
क्या कभी कॉम्प्रोमाइज शब्द सुना?
संघर्ष के दिनों में कॉम्प्रोमाइज शब्द को लेकर स्मृति सिन्हा ने कहा, ‘मैं उस गली में जाती ही नहीं थी जहां ऐसा होता था. अगर किसी से सुन भी लेती थी. उस टाइम पर हम एक दम रॉ और यंग थे तो इस बात को भी हैंडल करना नहीं आता था. अगर मैं सुन लूंगी तो क्या करूंगी… हम तो इसी का जवाब सोचते रहते थे. बहुत डर-डर के रहते थे. भगवान की हमारे ऊपर बहुत दया रही है कि मैंने कभी इन सबका सामना नहीं किया है और ना ही मुझे कभी करना पड़ा. हालांकि, कॉम्प्रोमाइज शब्द सुना बहुत है.’
कहां गायब हो गई थीं स्मृति सिन्हा?
स्मृति सिन्हा ने 2016 में खेसारी लाल यादव (Khesari lal yadav) के साथ फिल्म ‘साजन चले ससुराल 2’ (Sajan Chale Sasural) की और फिर ‘भाग खेसारी भाग’ (Bhaag Khesari Bhaag) 2019 में की थी और अब 2022 में पवन सिंह के साथ वापसी कर रही हैं. ऐसे में एक्ट्रेस ने अपने इन होने वाले गैप को लेकर बात की और कहा, ‘मैं शुरू से अपनी फिल्मों को लेकर सलेक्टिव रही हूं. एक तो वो कारण था और दूसरा मैंने अपने परिवार को टाइम देने के लिए ऐसा किया. ऐसा लगा रहा था कि बहुत हो गया यार. तो मैंने वो एक ब्रेक लिया था फैमिली के लिए. अब मैं लौट चुकी हूं उतने उत्साह और एनर्जी के साथ फैंस फिर से एंटरटेन करूंगी.’
खेसारी के साथ क्यों नहीं किया कमबैक?
खेसारी के साथ कमबैक ना करने के सवाल पर स्मृति सिन्हा ने कहा, ‘एक तरह से देखा जाए तो मेरा कम बैक खेसारी जी के साथ ही हुआ था. फिल्म ‘भाग खेसारी भाग’ मेरी कमबैक मूवी ही थी. इसके बाद कोरोना आ गया था तो फिल्मों की शूटिंग रुक गई थी और किसी ने भी किसी के साथ काम नहीं किया था, जिससे इधर 3 साल का गैप हुआ… मगर फिर से सब कुछ अच्छा शुरू हो चुका है.’
भोजपुरी में क्या बदलाव आना चाहिए?
भोजपुरी में क्या बदलाव आना चाहिए? को लेकर स्मृति सिन्हा ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि भोजपुरी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स थिएटरों में रिलीज करना चाहिए. क्योंकि जो सिंगल थिएटर्स हैं उनका बहुत अच्छा रख-रखाव नहीं है. इसलिए फिल्मों को देखने परिवार वाले देखने नहीं जा पाते हैं कि हमारी फिल्म कैसी बनी है. क्योंकि इस बीच हमारी जो फिल्में आई हैं वो एक दम फैमिली वाली है, उसमें आपको ऐसा कुछ भी फूहड़ता देखने के लिए नहीं मिलेगी. अब तो बहुत अच्छी-अच्छी फिल्में बन रही हैं और पहली भी कई बनी हैं, लेकिन सारी फिल्मों को मल्टी फ्लैक्स में देख रहे होते तो आज कुछ और ही समा होता है. मेरी एक तमन्ना है कि भोजपुरी फिल्मों को मल्टीफ्लैक्ट में रिलीज किया जाए.’
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प्रथम प्रकाशित : 29 मई 2022, 12:28 IST
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